फरीदाबाद। प्रमुख औद्योगिक संगठन आईएमएसएमई आफ इंडिया ने हरियाणा वाटर रिसोर्सिज अथारिटी द्वारा जारी एनओसी संबंधी निर्देशों के संबंध में उद्योग प्रबंधकों को जागरूक करने तथा इस संबंध में एक विशेष पैनल गठित करते हुए उद्योगों को विशेष सेवा मुहैया कराने की घोषणा की है।
आईएमएसएमई आफ इंडिया के चेयरमैन श्री राजीव चावला ने बताया कि वाटर रिसोर्सिज अथारिटी के नये निर्देशानुसार उद्योगों व उन सभी वर्गों को सर्टिफिकेट व नो आब्जैक्शन सर्टिफिकेट लेने की आवश्यकता है जो ट्यूबवैल इत्यादि का उपयोग कर रहे हैं।
श्री चावला ने बताया कि ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में घरेलू व पेयजल आपूर्ति जहां सरकार द्वारा जलापूर्ति की सेवा नहीं है को इस श्रेणी से मुक्त रखा गया है। इसके साथ ही कृषि उपयोग के लिये प्रयुक्त पानी, माइक्रो व स्माल बिजनेस जिनकी प्रतिदिन उपयोग 10 किलोलीटर है, को एनओसी लेने की आवश्यकता नहीं है परंतु उन्हें अथारिटी से रजिस्टर होना होगा।
बताया गया है कि यदि उद्योग ओवर एक्सप्लोयटिड रीजन में आ रहे हैं तो अथारिटी भूजल दोहन के लिये एनओसी जारी नहीं करेगी। एनओसी ओवरएक्सप्लोटिड एरिया में नये उद्योगों को एक सीमित समय के लिये जारी की जाएगी। यदि कोई ईकाई पैकेज्ड वाटर या वाटलिंग प्लांट या अन्य वाटर इन्टैन्सिव इंडस्ट्री है तो उसे एनओसी नहीं जारी किया जाएगा।
श्री चावला ने बताया कि इस संबंध में आईएमएसएमई आफ इंडिया ने एक विशेष डैस्क स्थापित किया है जो इसके सदस्य श्री अक्षत जोकि वाटर रिसोर्सिज मैनेजमेंट के विशेषज्ञ हैं द्वारा उद्योगों को एनओसी व सर्टिफिकेशन के संबंध में सहयोग देगा। इसके साथ ही संगठन ने योग्य उद्योगों को ग्रांट व सब्सिडी उपलब्ध कराने के लिये भी विशेष सहयोग देने की योजना तैयार की है।
श्री चावला ने बताया कि इस संबंध में कंप्लायसिंस डैस्क आईएमएसएमई आफ इंडिया से सम्पर्क किया जा सकता है।
Post A Comment:
0 comments: