चण्डीगढ़, 13 अक्टूबर - हरियाणा में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के लिए रेवाड़ी जिला के गांव माजरा में प्रस्तावित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) परियोजना के निर्माण से जुड़ी सभी औपचारिकताएं पूरी हो गई हैं। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह, प्रदेश के सहकारिता, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री डा. बनवारी लाल की उपस्थिति में वरिष्ठ अधिकारियों व परियोजना के लिए जमीन उपलब्ध कराने वाले किसानों के प्रतिनिधिमण्डल की संयुक्त बैठक हुई।
मनोहर लाल ने परियोजना के लिए अलग से बजट भी स्वीकृत करते हुए राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों को किसानों की जमीन के लिए भुगतान प्रक्रिया शीघ्र आरंभ करने के निर्देश दिए। साथ ही परियोजना से जुड़े अन्य कार्यों को लेकर किसानों को आपस में सहमति से आगामी प्रक्रिया आरंभ करने की बात कही। उन्होंने परियोजना को लेकर नगर एवं ग्राम आयोजना तथा विकास एवं पंचायत विभाग के अधिकारियों को भी एक निर्धारित समय अवधि के दौरान सभी आवश्यक कार्यों को पूरा करने तथा किसानों से जुड़े विषय पर काम करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने बैठक में पहुंचे किसानों के प्रतिनिधिमण्डल की बातों को ध्यानपूर्वक सुना और परियोजना से जुड़े सभी पहलुओं पर व्यापक विचार विमर्श किया। किसान प्रतिनिधिमण्डल ने अपनी बात रखी। प्रतिनिधिमण्डल ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल, केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह व सहकारिता, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री डा. बनवारी लाल का प्रमुख मांगों को स्वीकृति मिलने पर आभार भी व्यक्त किया। क्षेत्र के विकास व प्रमुख मांगों को स्वीकृति मिलने से परियोजना के लिए जमीन देने के लिए अधिकतर किसानों ने सहमति जता दी है।
बैठक में रेवाड़ी के उपायुक्त यशेन्द्र सिंह ने मुख्यमंत्री को आगामी प्रक्रिया से जुड़ी कार्रवाई से अवगत कराते हुए बताया कि किसानों की एक सहकारी समिति दी माजरा को-आपरेटिव मल्टी पर्पज सोसायटी के लिए पंजीकरण आरंभ कर दिया गया है। सरकार के निर्देशों के अनुसार सहायक रजिस्ट्रार कोआपरेटिव सोसायटी के एक निरीक्षक की ड्यूटी गांव में लगा दी गई है। परियोजना के लिए जमीन देने वाले किसान इस सोसायटी के सदस्य होंगे।
इस अवसर पर हरियाणा के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वी. उमाशंकर, नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग के निदेशक के. मकरंद पांडूरंग व विकास एवं पंचायत विभाग के निदेशक रमेश चंद्र बिढ़ाण सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।
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