नई दिल्ली- वर्तमान में देश की जनता भयंकर मंहगाई झेल रही है। हाल के कुछ वर्षों में तमाम खाद्य वस्तुओं के दाम दो से तीन गुणा बढ़ गए। शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी गजब का बदलाव आया और साधारण बुखार के भी लाखों वसूले जाने लगे। कुछ ऐसा हाल शिक्षा के क्षेत्र में भी है जबकि मंहगी शिक्षा के बाद देश के युवा नौकरियों के लिए धक्के खा रहे हैं। चार चपरासी की पोस्ट निकलती है तो चार लाख से ज्यादा युवा आवेदन करते हैं और इनमे आधे यानि दो लाख से ज्यादा युवा पोस्ट ग्रेजुवट होते हैं। देश का हाल इतना बेहाल कैसे हो गया इस पर कुछ लोग रिसर्च कर रहे हैं और उनके सूत्रों की मानें तो देश में भ्रष्टाचार हर हद पार कर गया है इस वजह से जनता बेहाल है।
रिसर्च करने वालों का कहना है कि देश में अब खाने वाले ज्यादा बढ़ गए हैं। रोजाना ख़बरें आतीं हैं कि प्रवर्तन निदेशालय या आयकर विभाग ने कहीं छापा मारा है और मामला से से कई हजार करोड़ का है। ऐसे छापे आये दिन ,मारे जा रहे हैं लेकिन छापेमारी के बाद बरामदी या ऐसे भ्रष्टों को सजा की ख़बरें कम आती हैं। शायद बड़ा गोलमाल चल रहा है और मामले को ले देकर दबा दिया जाता है। देश के कई राज्यों में कुछ वर्षों में चिट फंड के कई बड़े घोटाले हुए और ऐसे लोगों ने देश के करोड़ों लोगों को लाखों करोड़ का चूना लगाया लेकिन कार्यवाही बहुत कम लोगों पर हुई यहाँ भी सांठ गाँठ हो गई। यही नहीं कुछ वर्षों में Multilevel marketing करने वालों के गिरोह ने भी देश के लाखों लोगों को कई लाख करोड़ का चूना लगाया लेकिन अधिकतर ठगों पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। कई ऐसे कारण हैं जिस वजह से देश के ठगों के हौसले बढ़ते चले गए और देश की जनता लुटती चली गई और अब भी लुट रही है। रिसर्च करने वालों के सूत्रों की मानें तो देश के बड़े ठग बड़ा खेल -खेल रहे हैं और देश की जनता की हालत खस्ता होती जा रही है।
रिसर्च करने वालों का दावा है कि आप जाकर देख लें जब कोई नेता मंत्री या विधायक बने तो उसे उसके घर शुरू के एक हफ्ते में जितने लोग माला पहनाने पहुंचेंगे उनमे से 73 फीसदी ठग या दो नंबर का काम करने वाले होंगे और यही नहीं किसी जिले में कोई नया बड़ा अधिकारी आये तो उसे भी अधिकतर माला पहनाने या गुलदस्ता देने सबसे पहले यही पहुँचते हैं।रिसर्च करने वालों का कहना है कि देश में डीजल, पेट्रोल, रसोई गैस पर सरकार का टैक्स और अन्य चीजों पर टैक्स से अथाह रोकड़ा यानि रूपये सरकार के पास आ रहे हैं लेकिन देश के कई राज्यों की जनता सड़कों के गड्ढे में गिर रही है। देश में तमाम राष्ट्रीय राजमार्ग बन रहे हैं और कई एक्सप्रेस वे भी बन रहे हैं जो अच्छी बात है लेकिन इनके निर्माण का पैसा ट्रोल टैक्स के रूप में जनता से ही वसूला जाएगा। नेशनल हाइवे और एक्सप्रेस वे को छोड़ दें तो देश के सैकड़ों बड़े शहरों की सड़कों पर गड्ढे ही गड्ढे हैं। इसमें भी गोलमाल चल रहा है। रिसर्च करने वालों ने कहा कि अभी पूरा खुलासा नहीं करेंगे। इन्तजार करें
Post A Comment:
0 comments: