फरीदाबाद,1 अक्टूबर। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा व सीटू ने हरिद्वार में शहीद हुए कांस्टेबल संदीप सिंह मृत्यु पर गहरा दुःख प्रकट करते हुए उनकी बहादुरी की प्रशंसा की है। संघ ने शहीद कांस्टेबल के परिजनों के साथ गहरी संवेदना व्यक्त की। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा व वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेश कुमार शास्त्री के नेतृत्व में शुक्रवार को एक शिष्टमंडल ने पुलिस आयुक्त विकास अरोड़ा से मुलाकात की। संघ के शिष्टमंडल ने पुलिस आयुक्त को भरोसा दिया कि प्रदेश भर के कर्मचारी शहीद हुए कांस्टेबल संदीप सिंह के शोक संतप्त परिजनों और पुलिस के साथ खड़े है। शिष्टमंडल ने शहीद हुए कांस्टेबल संदीप सिंह को शहीद का दर्जा देने और उनके आश्रितों को एक करोड़ रुपए मुआवजा देने की मांग की। पुलिस आयुक्त को मिलें शिष्टमंडल में सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा के साथ वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेश कुमार शास्त्री, जिला वित्त सचिव युद्धवीर सिंह खत्री, सीटू के जिला प्रधान निरंतर पराशर, किसान संधर्ष समिति नहर पार के महासचिव व पूर्व कर्मचारी नेता सतपाल नरवत व एएचपीसी वर्कर यूनियन के नेता दिनेश शर्मा शामिल थे। भारत बंद में कर्मचारी नेताओं के घरों पर हुई छापेमारी पर जताई कड़ी नाराजगी।
सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने पुलिस आयुक्त से 27 सितंबर को भारत बंद में प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा व किसान संधर्ष समिति नहर पार के महासचिव सतपाल नरवत के घरों पर की गई छापेमारी पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की और पुलिस आयुक्त को एक ज्ञापन सौंपा। पुलिस आयुक्त ने मौके पर मौजूद पुलिस अधिकारियों को भविष्य में किसी भी कर्मचारी, मजदूर व किसान नेता के घरों पर छापेमारी न करने का निर्देश दिए। राज्य प्रधान सुभाष लांबा व वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेश कुमार शास्त्री ने पुलिस आयुक्त को बताया कि एसकेएस, सीटू व किसान संधर्ष समिति नहर पार, संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वानों का पुरजोर समर्थन करते हैं और तीनों असवैधानिक कृषि कानूनों, बिजली संशोधन बिल 2021 को रद्द करने और एमएसपी को कानूनी गारंटी देने की मांग करते हैं। इसको लेकर हमें लोकतांत्रिक तरीके से शांतिपूर्ण आंदोलन करने का संवैधानिक अधिकार है। लेकिन फरीदाबाद पुलिस इन लोकतांत्रिक व संवैधानिक अधिकारों के खिलाफ जाकर कर्मचारी, मजदूर व किसान संगठनों के नेताओं के घरों पर छापेमारी करके डर पैदा करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि एसकेएस ऐसी किसी भी कार्यवाही से डरकर अपने लक्ष्य एवं उद्देश्य को नहीं बदलेगा। उन्होंने दो टूक कहा कि कर्मचारी, मजदूर व किसान संगठन ऐसी किसी भी कार्यवाही को बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि अगर भविष्य में इस प्रकार की किसी कार्यवाही को दोहराया गया तो इसका जनवादी एवं लोकतांत्रिक तरीके से डटकर विरोध किया जाएगा। प्रदेशाध्यक्ष लांबा ने बताया कि संगठनों का प्रतिनिधिमंडल ने पूर्व सीपी से भी इस बारे शिकायत की थी। जिसके बाद छापेमारी पर रोक लगी थी। लेकिन वर्तमान सीपी के पदभार संभालने के बाद पुनः छापामारी शुरू की गई है।
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