चंडीगढ़, 7 अक्टूबर- हरियाणा के पुलिस महानिदेशक ... पी.के. अग्रवाल ने पुलिस अधिकारियों से आह्वान करते हुए कहा कि राज्य अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो ’पैटर्न मान्यता और प्रवृत्ति विश्लेषण’ के लिए अपने कार्यक्षेत्र का विस्तार करने की दिशा में कार्य करें।
महानिदेशक पुलिस मुख्यालय में राज्य अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के कामकाज की समीक्षा के लिए आयोजित एक बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि क्राइम रिकॉर्ड अपराध का पता लगाने और उसकी रोकथाम के लिए पुलिस की रणनीतियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
क्राइम डेटा संग्रह और साझा करने के कठिन कार्य करने के लिए अधिकारियों की सराहना करते हुए उन्होंने डेटाबेस प्रबंधन में नई दक्षताओं का उपयोग करने और फील्ड इकाइयों के लिए उपयोगी जानकारी लाने का भी आग्रह किया।
बैठक के दौरान अधिकारियों ने एससीआरबी की विभिन्न शाखाओं के कामकाज पर विचार-विमर्श करते हुए ब्यूरो की क्षमताओं को बढ़ाने के उपायों पर चर्चा की। बैठक में निदेशक एससीआरबी हरियाणा श्री ओपी सिंह सहित अन्य पुलिस अधिकारी भी उपस्थित रहे।
बैठक में जानकारी दी गई कि 1987 में सीआइडी से एक स्वतंत्र इकाई के रूप में गठित, ब्यूरो की फिंगरप्रिंट शाखा राज्य में गिरफ्तारियों और दोषियों के उंगलियों के निशान का एक डेटाबेस रखती है। राज्य भर से सिविल और क्रिमिनल मामलों में प्राप्त होने वाले फिंगरप्रिंट की जांच और तुलना करके, इस शाखा ने अपनी स्थापना के बाद से हजारों मामलों को सुलझाने में मदद की है।
वर्तमान में ब्यूरो का फोकस प्रक्रिया में तेजी लाने और निष्ठा बढ़ाने के लिए नवीनतम सूचना प्रौद्योगिकी के संचार पर है। इस दिशा में, राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के सहयोग से राज्य भर में 64 स्थानों पर नेशनल ऑटोमेटिक फिंगरप्रिंट रिकॉग्निशन सिस्टम का संचालन किया जा रहा है।
बैठक में राज्य अपराध शाखा के संबंधित अधिकारी ने अवगत कराया कि हम प्रदर्शन क्षेत्रों में अंतर करने और कार्रवाई योग्य अपराध पैटर्न और प्रवृत्तियों की पहचान करने के उद्देश्य से डेटाबेस प्रबंधन, पैटर्न पहचान और प्रवृत्ति विश्लेषण में विशेषज्ञता प्राप्त करने की दिशा में कार्य करेंगे ताकि पर्यवेक्षी और फील्ड इकाइयां उद्देश्यपूर्ण रूप से संसाधन आवंटन को प्राथमिकता दे सकें।
ब्यूरो की योजना पुलिस थाना स्तर पर प्रतिदिन सीसीटीएनएस में दर्ज किए जा रहे विशाल डेटा का उपयोग करने और अपनी कार्यप्रणाली शाखा को मजबूत करने की भी है।
साइबर क्राइम एक्सपर्ट का कहना है कि यह अपराध की तेजी से बदलती दुनिया में एक सामयिक हस्तक्षेप है। लेनदेन अधिक से अधिक ऑनलाइन और इंटरनेट से जुड़े होने के साथ, साइबर क्राइम तेजी से पनप रहा है। साइबर जालसाज उपकरणों को हाईजेक कर रहे हैं, डेटा चुरा रहे हैं, बैंक खातों में सेंध लगा रहे हैं और लोगों को धोखा दे रहे हैं। डार्क वेब-सर्च इंजन के माध्यम से दुर्गम- मादक पदार्थों की तस्करी, मानव तस्करी और अवैध हथियार जैसे प्रतिबंधित मामलों से निपटने के लिए संगठित अपराध का नया प्लेग्राउंड है।
डेटाबेस प्रबंधन के विशेषज्ञों का कहना है कि हरियाणा में पुलिस द्वारा नवीनतम तकनीकों का उपयोग अत्यंत जरूरी है।
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