नई दिल्ली- देश में जल्द किसान आंदोलन को एक वर्ष पूरे होने वाले हैं। किसान नेताओ की मानें तो अब तक लगभग 800 किसान इस आंदोलन में जान गँवा चुके हैं। हाल में हरियाणा में कई महिलाओं को एक डम्फर ने कुचल दिया और चार महिलाओं की जान चली गई जो किसान आंदोलन का ही हिस्सा थीं। आज भी एक किसान की मौत की सूचना है। सत्ताधारी पार्टी के तमाम नेता इस आंदोलन को गलत बता चुके हैं और आंदोलन कर रहे किसानो को किसान ही नहीं मानते हैं। किसान कृषि कानूनों को गलत बता आंदोलन कर रहे हैं। सरकार कानूनों को पूरी तरह से किसानों के हित वाला क़ानून बता रही है।
किसानो का कहना है कि उनकी फसल एमएसपी पर अब भी नहीं बिक रही है जबकि सत्ताधारी पार्टी के तमाम बड़े नेताओं का दावा है कि किसानों की फसल एमएसपी पर ही बिक रही है। देश के तमाम राज्यों से ऐसी खास जानकारियां मिल रहीं हैं जिनमे किसानों को उनकी फसलों के उचित दाम नहीं मिल रहे हैं यानी एमएसपी पर फसलें नहीं खरीदी जा रहीं हैं। एक दो किसान किसी विपक्षी पार्टी के समर्थक हो सकते हैं और झूंठ बोल सकते हैं लेकिन सैकड़ों किसान बोल रहे है कि वर्तमान में उनका धान एमएसपी पर नहीं खरीदा जा रहा है। निजी लोग उनकी फसलों को एमएसपी से बहुत कम दाम पर खरीद रहे हैं। उन्हें लाखों का नुक्सान हो रहा है और उनकी लागत भी नहीं निकल रही है। हरियाणा के कई जिलों के किसानो का यही कहना है। यही नहीं यूपी के कुछ जिलों का हाल भी यही है। किसानो को एमएसपी नहीं मिल रही है। निजी व्यापारी चांदी कूट रहे हैं और किसान आंसू बहा रहे हैं। जहां तक निजी की बात करें तो निजी वाले हर क्षेत्र में चांदी कूट रहे हैं। निजी स्कूल वाले हों या निजी अस्पताल वाले? अब देश की तमाम सरकारी सम्पत्तियाँ भी निजी होने लगी हैं।
धान की सरकारी खरीद को लेकर आज यूपी के पीलीभीत के भाजपा सांसद वरुण गांधी ने कई जगहों का दौरा किया जिसके बाद उन्होंने कहा कि मैंने कुल पांच कांटों का निरीक्षण किया जिसमें से तीन केवल पेपर पर हैं, धरातल पर वह मौजूद नहीं हैं। ये राष्ट्र किसानों की वजह से ही चल रहा है। वो आज भी उसी गरीबी की हालत में हैं। उनकी फसल को गलत कारण देकर खरीदने से इनकार किया जा रहा है। मैं लोगों से पूछना चाहता हूं कि क्यों वो किसानों को 1920 की हालत जैसा देखना चाहते हैं। किसान मरने के कगार पर हैं।
वरुण ने यहां तक कहा कि अगर यह पता लगा कि भ्रष्टाचार है या किसानों के साथ क्रूरता हो रही है तो मैं सरकार के सामने हाथ-पैर नहीं जोड़ूंगा। मैं सीधे साक्ष्य लेकर कोर्ट जाऊंगा और आप सबको मैं गिरफ्तार कराऊंगा। देखें वरुण ने और क्या कहा
जब तक एमएसपी की वैधानिक गारंटी नहीं होगी, ऐसे ही मंडियों में किसानों का शोषण होता रहेगा। इस पर सख़्त से सख़्त कार्यवाही होनी चाहिए। pic.twitter.com/pWKI13e4Vp
— Varun Gandhi (@varungandhi80) October 29, 2021
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