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हमारा तोडा, उनका क्यू छोड़ा? अरावली पर सुलग रही चिंगारी बन सकती है शोला, जद में आ सकते हैं कई अधिकारी

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नई दिल्ली-फरीदाबाद- लखीमपुर खीरी काण्ड को लेकर कई दिनों से हिरासत में लिए गए देश के कई बड़े विपक्षी नेता आज छोड़ दिए गए और अब वो लखीमपुर खीरी के लिए प्रस्थान कर चुके हैं। देश में बड़ा सवाल ये उठ रहा है कि लखीमपुर खीरी मामले में 8 लोगों की जान गई और कई दिन बाद भी अब तक कोई आरोपी गिरफ्तार नहीं हुआ जबकि कई विपक्षी नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया था जिन पर कोई बड़े संगीन आरोप नहीं थे। विपक्षी नेताओं का कहना है कि देश में तानाशाही चल रही है। तानाशाही की बात करें तो अब हरियाणा के फरीदाबाद में भी कुछ इसी तरह की आवाजें उठ सकती हैं। कुछ लोगों का कहना है कि तानाशाही लखीमपुर में ही नहीं फरीदाबाद में भी जारी है। ये कोई और नहीं वो लोग हैं जिनके कई हफ्ते पहले अरावली पर फ़ार्म हाउस तोड़े गए थे। 

जिन फ़ार्म हाउसों को तोडा गया था उनके मालिक अब दबी जुबान में कहने लगे हैं कि हम तानाशाही का शिकार हुए हैं क्यू कि सुप्रीम कोर्ट ने 100 से ज्यादा फ़ार्म हाउसों को तोड़ने का आदेश दिया था लेकिन तानाशाहों को सिर्फ हम कुछ लोगों के ही फ़ार्म हाउस दिखे। ऐसे फ़ार्म हाउसों के मालिक कभी भी आवाज बुलंद कर सकते हैं और कह सकते हैं कि हमारा क्यू तोड़ दिया,उन सबका क्यू छोड़ दिया। इस बात की चिंगारी कभी भी धधक कर शोला का रूप ले सकती है और कई अधिकारी भी लौ की चपेट में आ सकते हैं क्यू कि फ़ार्म हाउस के मालिक कई अधिकारियों को घेरने की तैयारी में जुटे हैं। संभव है ऐसे अधिकारियों की करतूत को फ़ार्म हाउसों के मालिक सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचाएं। जिनका कहना है इन्हे खोरी में जो दिखा वो अरावली पर नहीं दिखा। खोरी में सबके निर्माण तोड़े गए जबकि यहाँ भेदभाव किया गया है। कुछ लोगों के फ़ार्म हॉउस तोड़ने के बाद नगर निगम की जेसीबी अरावली का रास्ता ही भूल गई। 

आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 23 जुलाई को खोरी मामले में सुनवाई के दौरान अरावली में बने सभी प्रकार के अवैध निर्माणों को तोड़ने के आदेश दिए थे। आदेश के दायरे में शिक्षण संस्थान, होटल, फार्म हाउस, दो कॉलोनियां व कई सोसाइटियां का नाम था। अगस्त के दूसरे हफ्ते में तोड़फोड़ शुरू हुई और कुछ फ़ार्म हाउसों को तोड़ा गया कुछ अन्य निर्माण तोड़े गए उसके बाद तोड़फोड़ अचानक बंद हो गई। अब अक्टूबर का पहला हफ्ता बीतने वाला है और अब तक बंद है जिसके बाद वो फ़ार्म हाउस के मालिक दुखी हैं जिनके निर्माण तोड़े गए थे। कभी भी वो मैदान में उतर सकते हैं और आवाज बुलंद कर सकते हैं। 

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