Faridabad- प्राइवेट स्कूल संचालकों को शिक्षा सत्र 2021- 22 के लिए 134a के नियम के तहत गरीब बच्चों को अपने स्कूल में दाखिला देना ही होगा। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने यह आदेश हरियाणा प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रन वेलफेयर ट्रस्ट द्वारा 134a के तहत दाखिला देने के शिक्षा निदेशक पंचकूला के आदेश पर रोक लगाने की याचिका को खारिज करते हुए दिया है।
हाईकोर्ट के न्यायाधीश सुधीर मित्तल ने अपने आदेश में कहा है कि नियम 134ए के तहत सीटें रिक्त रखना स्कूलों की भी जिम्मेदारी थी। 25 अक्टूबर के आदेश में साफ कर दिया कि इस बार 2021-22 के लिये 134ए के दाखिले होने नियम के अनुसार सही है ये कहते हुए न्यायालय ने स्कूलों की याचिका डिसमिस कर दी। हरियाणा अभिभावक एकता मंच के प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट ओपी शर्मा व प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा ने हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए शिक्षा निदेशक पंचकूला व जिला शिक्षा अधिकारी फरीदाबाद से कहा है कि सीबीएसई व हरियाणा बोर्ड के जो स्कूल संचालक 134 ए के तहत निकाले गए आदेश व शेड्यूल का पालन ना करें और 134 ए के तहत 10% आरक्षित की गई सीटों पर गरीब बच्चों को दाखिला ना दें उनके खिलाफ बिना देर किए उचित कार्रवाई की
जाए। प्राइवेट स्कूलों ने अपनी याचिका में कहा गया था कि वर्ष 2021-22 के दाखिलों के लिये हरियाणा शिक्षा विभाग द्वारा सेशन के मध्य में नियम 134ए के दाखिलों का शेड्यूल जारी किया है और स्कूलों से नियम 134ए के लिये रिक्त सीटों का ब्यारो पोर्टल पर देने का जो आदेश दिया है वो गलत है, स्कूलों ने खुद ही 134ए की सीट भर ली हैं अब कोई भी रिक्त सीटें 134ए के लिये नही हैं। जिस पर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने स्कूलों की इस दलील को मानने से इनकार करते हुए कहा कि नियम 134ए की सीटें रिक्त रखना स्कूलों की भी जिम्मेदारी थी न्यायालय ने 25 अक्टूबर के आदेश में साफ कर दिया कि इस बार 2021-22 के लिये 134ए के दाखिले होंने नियम के अनुसार सही है, ये कहते हुए न्यायालय ने स्कूलों की याचिका डिसमिस कर दी।
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