दास ने बताया कि अप्रैल 2021 से अगस्त 2021 की अवधि के दौरान एच.वी.पी.एन.एल. ने लगभग 188 करोड़ रुपये से 4 नए सबस्टेशनों की स्थापना की है और 36 सबस्टेशन की क्षमता को 793 एम.वी.ए. क्षमता की वृद्धि की है। इसके साथ ही ट्रांसमिशन सिस्टम में लगभग 50 किलोमीटर लम्बी ट्रांसमिशन लाइनें भी लगाई गई हैं। इसके अतिरिक्त डिस्कॉम ने लगभग 119 करोड़ रुपये की लागत से 26 नए 33 के.वी. सबस्टेशन भी जोड़े हैं और 16 सब-स्टेशनों को बढ़ाया है और 235 कि.मी. की नई लाइनें बनाई गई हैं।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बताया कि 24 घंटे बिजली की आपूर्ति के लिए पूरे राज्य में बिजली की गुणवत्ता की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त अंतरराज्यीय ट्रांसमिशन और वितरण प्रणाली को विकसित किया गया है। अप्रैल-2021 से अगस्त-2021 की अवधि के दौरान नए सबस्टेशन (66 के.वी. और उसके ऊपर) और ट्रांसमिशन लाइनों के निर्माण के लिए एच.वी.पी.एन.एल. द्वारा लगभग 373 करोड़ रुपये कार्य आवंटित किया गया है और नए सब-स्टेशन (33 के.वी.) और लाइनों के निर्माण के लिए लगभग 103 करोड़ रुपये का काम डिस्कॉम द्वारा आवंटित किया गया।
उन्होंने कहा कि वितरण प्रणाली को मजबूत करने के लिए वित्त वर्ष 2021-22 में एच.ई.आर.सी.ने परिव्यय की अनुमति दी है, उनके अनुसार एच.वी.पी.एन.एल. द्वारा नए ट्रांसमिशन अवसंरचना के निर्माण के लिए 925 करोड़ का पूंजीगत व्यय और यू.एच.बी.वी.एन.के लिए 950 करोड़ और डी.एच.बी.वी.एन.के लिए 1125 करोड़ रुपय का पुंजीगत व्यय वितरण प्रणाली को सुदृढ़ करने के लिए आवंटित किया गया है। उन्होंने बताया कि बिजली की नियमित एवं बाधा रहित आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए बिजली विभाग निरंतर अपनी जवाबदेही को समझते हुए निरंतर कार्य कर रही है।
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