नई दिल्ली- यूपी के मथुरा थाना क्षेत्र छाता के गांव तरौली सुमाली में पानी के चलते दो पक्षों में हुए मामूली विवाद के बाद झगड़े में पुलिस द्वारा ठाकुर समाज के नाबालिग निर्दोष लोगों पर हरिजन एक्ट सहित कई गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज करने से गुस्साये स्वर्ण जाति के तमाम संगठनों ने एकत्रित होकर वरिष्ठ पुलिस अधिक्षक एसएसपी और जिला अधिकारी डीएम को ज्ञापन सोंपा और मांग की कि प्रशासन जल्द हरिजन एक्ट हटाकर निष्पक्ष कार्यवाही करे अगर ऐसा नहीं किया गया तो उत्तर प्रदेश के ही नहीं पूरे देश से स्वर्ण जाति के संगठन एकत्रित होकर मथुरा में आवाज बुलंद करें। जिसकी जिम्मेदारी फिर प्रशासन की होगी। वहीं करणी सेना, स्वर्ण आर्मी सहित तमाम संगठनों ने कहा कि जब भी स्वर्ण जाति और दलित जाति के बीच झगडा होता है तो दोषी हमेशा स्वर्ण जाति के लोगों को ही बनाया जाता है और फिर उनके उपर एससी एसटी एक्ट लगाकर उन्हें परेशान किया जाता है। ऐसी ही कार्यवाही फिर से पुलिस प्रशासन ने भीम आर्मी के दबाब में आकर तरौली सुमाली के ठाकुर जाति के लोगों भी की है जिससे पूरा गांव अस्त व्यस्त हो गया है नाबालिक से लेकर बडे सभाी परेशान है। इतना ही नहीं गांव के लोगों को अपनी बात रखने के लिये पुलिस मथुरा तक नहीं आने दे रही है हर चौक चौराहे पर तैनात पुलिस के जवान ग्रामीणों को धमकाते हुए नजर आ रहे हैं।
झगडे को हुए 5 दिन बीत चुके हैं मगर तथाकथित संगठन गांव में शांति नहीं होने दे रहे हैं, पूरे मामले को सिलसिले बार तरीके से बतायें तो 15 सितंबर की सुबह आरो के पानी की गाड़ी मुख्य रास्ते पर खड़ी थी जिससे जाटव समाज के कुछ लोग पानी ले रहे थे उसी वक्त ठाकुर समाज का एक व्यक्ति खेत पर जाने के लिए अपनी बुग्गी लेकर वहां पहुंचा, रास्ता बंद देख उन्होंने गाड़ी को हठाने के लिए कहा जिस पर जाटव समाज के लोगों ने अनसुनी कर दी। दोबारा से गाड़ी हटाने के लिए कहने पर जाटव समाज और ठाकुर समाज के व्यक्तियों के बीच कहासुनी शुरू हो गई, कहासुनी के दौरान जाटव समाज के लोगों ने लाठी-डंडे और तेज धारदार कुल्हाड़ी से ठाकुर समाज के लोगों पर हमला बोल दिया, जिसमें ठाकुर समाज के करीब 70 वर्षीय बुजुर्ग अद्धा और एदल को गंभीर चोट आई, जिन्हें आनन-फानन में मथुरा के सरकारी जिला अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती करवाया गया और अब हालत को गंभीर देखते हुए आगरा रेफर कर दिया गया है।
वही जाटव समाज के एक व्यक्ति के हाथ में चोट लगी दोनों पक्षों का झगड़ा छाता पुलिस थाने में पहुंचा जहां दोनों तरफ से मामला दर्ज कर लिया गया। झगड़े के दूसरे दिन ठाकुर समाज के कुछ लोग जाटव समाज के लोगों को समझाने बुझाने के लिए उनके मोहल्ले में गए हुए थे तभी जाटव समाज की महिलाओं ने गाली गलौज करते हुए सभी पर पत्थरों से हमला कर दिया, इस बार भी ठाकुर समाज के लोगों ने किसी भी महिला और बच्चे के साथ कोई भी मारपीट नहीं की, उसके बावजूद भी दोबारा से जाटव समाज की महिलाएं अपने समाज के लोगों के साथ छाता पुलिस थाने पहुंच गई, जहां उन्होंने ठाकुर समाज के सैकड़ों लोगों पर घर में घुसकर मारपीट करने, जान से मारने की धमकी देने, तोड़फोड़ करने जैसे गंभीर आरोप लगाए जिनके आरोपों को सही मानते हुए थाना पुलिस छाता ने 27 व्यक्तियों के नाम नामजद और कई दर्जन अज्ञात लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के साथ-साथ हरिजन एक्ट लगाते हुए मामला दर्ज कर लिया। इस बार जाटव समाज की महिलाओं ने दर्जनों ऐसे नाबालिक बच्चों के नाम शिकायत में शामिल करवाए हैं, जिनका झगड़े से कोई संबंध नहीं था और यह धमकी भी दी है कि हरिजन एक्ट के चलते वह उन नाबालिक बच्चों की जिंदगी खराब कर देंगी। दूसरी बार मामला दर्ज होने के बाद अब हालात यह है कि दलित समाज से जुड़े तमाम संगठनों ने अब अपनी राजनीतिक रोटियां सेकना शुरू कर दिया है और गांव में भारी पुलिस बल तैनाती के चलते हैं सन्नाटा पसरा हुआ है।। इस पूरे झगड़े में हैं पीड़ित होने के बाद भी ठाकुर समाज के लोगों को आरोपी बनाकर पेश किया जा रहा है। मामले की गंभीरता को देखते हुए आज गांव के हालात का जायजा लेने के लिए कैबिनेट मंत्री लक्ष्मीनारायण पहुंचे और दोनों पक्षों से मुलाकात की।
अब ये पूरा मामला तूल पकडता हुआ दिख रहा है जाटव समाज की ओर से भीम आर्मी बीएसपी जैसे समर्पित संगठन मैदान में उतर चुके हैं तो वहीं स्वर्ण जाति पर हरिजन एक्ट के तहत हो रहे अत्याचार को देखते हुए तमाम स्वर्ण जातियों के लिये बने संगठनों ने भी कमान संभाल ली है।
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