फरीदाबाद- शहर में अब नगर निगम चुनावों की चर्चाएं होने लगी हैं। कहा जा रहा है कि चुनाव समय पर ही होंगे और जनवरी तक शहर को नया मेयर और नए पार्षद मिल जाएंगे। फिलहाल नगर निगम क्षेत्र में 40 वार्ड हैं लेकिन इस बार वार्डों की संख्या बढ़ेगी क्यू कि तमाम गांव निगम क्षेत्र में शामिल हुए हैं। भाजपा फिर निगम चुनाव जीतना चाहेगी और मेयर भी अपना ही बनाना चाहेगी और सूत्रों की मानें तो भाजपा कई वार्डों पर अपने उम्मीदवार बदलेगी यानी कई पार्षदों का पत्ता काट सकती है ठीक उसी तरह जैसे कई राज्यों के सीएम बदल भाजपा वहाँ फिर सत्ता हासिल करना चाहती है।
इस बार कांग्रेस भी सिम्बल पर चुनाव लड़ सकती है लेकिन पार्टी के पास फिलहाल जिला अध्यक्ष तक नहीं है जबकि भाजपा ने विभिन्न विभाग बनाकर दर्जनों जिला अध्यक्ष और सैकड़ों पदाधिकारी बना दिए हैं। हर हफ्ते कोई नया विभाग बनाकर उसके जिला अध्यक्ष और तमाम पदाधिकारी बनाये जाते हैं। भाजपा के अलांवा अन्य पार्टियों के पास मजबूत संगठन का अभाव है।
बात कर रहे हैं फरीदाबाद की और इस बार भाजपा के लिए राह उतनी आसान नहीं है क्यू कि वर्तमान से 40 वार्डों में से लगभग 30 वार्ड नरक बन चुके हैं। यहाँ की सड़कें पैदल चलने लायक भी नहीं हैं और कई वार्डों में तो बिना बारिश के सड़कों पर सीवर का पानी भरा रहता है। इस बात को लेकर कई सत्ताधारी पार्षद भी चिंतित हैं कि वो वोट मांगने कैसे जाएंगे। सड़कों पर बड़े बड़े गड्ढे हैं और पार्षद सोंच रहे हैं किसी भी तरह चुनावों के पहले इन सडकों की हालत ठीक कर दी जाए।
इस बार आम आदमी पार्टी भी मैदान में होगी और कई पार्षदों के लिए पार्टी मुसीबत बनेगी क्यू कि पार्टी के उम्मीदवार स्थानीय मुद्दे उठाएंगे। पिछले चुनाव में 90 फीसदी भाजपा उम्मीदवार मोदी के नाम पर चुनाव जीत पार्षद बने थे। इस बार ऐसा होना मुश्किल है। स्थानीय मुद्दे भाजपा के लिए मुसीबत बनेंगे और बेतहाशा मंहगाई, डीजल पेट्रोल के बढे दाम, रसोई गैस के रिकार्डतोड़ बढे दाम भाजपा के लिए जी का जंजाल बनेगे और विपक्ष ऐसे मुद्दों पर भाजपा की खिंचाई करने का प्लान बना रहा है।
वर्तमान में भाजपा के आधा दर्जन के आस-पास पार्षदों का ही कामकाज सामान्य दिख रहा है। अन्य पार्षदों का वार्ड के लोग नाम तक नहीं लेना चाहते। तिगांव के दो पार्षद, बड़कल के दो और एनआईटी के तीन पार्षद जबकि बल्लबगढ़ के एक भाजपा पार्षद का कामकाज सामान्य बनाया जा रहा है। फरीदाबाद विधानसभा क्षेत्र के किसी भी पार्षद का कामकाज अच्छा नहीं बताया जा रहा है। नामों का खुलासा जल्द किया जाएगा। राजनीति के जानकार लोग समझ सकते हैं कि ये पार्षद कौन हो सकते हैं जिन्होंने अपने वार्डों में कुछ काम करवाए हैं और जनता के बीच रहे हैं।
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