चंडीगढ़, 3 सितंबर- हरियाणा सरकार ने उद्योगपतियों के हित में एक और कदम उठाते हुए आज ‘हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं बुनियादी ढांचा विकास निगम’ (एचएसआईआईडीसी) के अलॉटियों के लिए प्लॉट की लागत, बढ़ी हुई लागत, रखरखाव शुल्क और विस्तार शुल्क के लिए बकाया राशि के भुगतान हेतु ‘एकमुश्त निपटान योजना’ को मंजूरी दे दी है। इससे राज्य के करीब 300 उद्योगपतियों को फायदा होगा।
इस संबंध में जानकारी देते हुए एचएसआईआईडीसी के प्रबंध निदेशक श्री अनुराग अग्रवाल ने बताया कि आज यहां एचएसआईआईडीसी के निदेशक-मंडल की बैठक हुई जिसकी अध्यक्षता मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री वी.उमाशंकर ने की।
अग्रवाल ने बताया कि एचएसआईआईडीसी के औद्योगिक, आवासीय, समूह आवास, संस्थागत और वाणिज्यिक आवास भूखंडों के मौजूदा आवंटियों के हितों को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिया गया है कि जो भी अलॉटी अपने भूखंड की बकाया लागत, बढ़ी हुई लागत और रखरखाव शुल्क 30 जून, 2021 तक भर नहीं पाया है और वह पूरी बकाया राशि को एकमुश्त-सैटल करवाने का इच्छुक है तो वह 30 सितंबर, 2021 तक इस योजना का लाभ उठा सकता है।
उन्होंने बताया कि ऐसे इच्छुक आवंटियों को बकाया ब्याज में 25 प्रतिशत छूट तथा दंडात्मक ब्याज में 100 प्रतिशत छूट होगी। उन्होंने बताया कि इस योजना के संबंध में सभी मामलों में एचएसआईआईडीसी का निर्णय अंतिम होगा और किसी भी स्तर पर किसी भी आवंटी द्वारा उस पर प्रश्नचिह्न नहीं लगाया जाएगा। उन्होंने बताया कि योजना के अनुसरण में अगर भुगतान की गई राशि पूर्ण नहीं है तो उसे वापस नहीं किया जाएगा लेकिन डिफॉल्ट राशि में समायोजित कर लिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि ‘एकमुश्त निपटान योजना’ के तहत यह भी निर्णय लिया गया है कि यह योजना एचएसआईआईडीसी के अलॉटियों, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) तथा उद्योग विभाग से स्थानांतरित औद्योगिक संपदा के आवंटियों के लिए लागू होगी। उन्होंने बताया कि उक्त योजना के अनुसार ब्याज/विलंबित ब्याज वसूलने की कट-ऑफ तिथि 30 जुलाई, 2021 होगी।
श्री अनुराग अग्रवाल ने बताया कि एचएसआईआईडीसी को उम्मीद है कि सरकार के इस निर्णय से कोरोना से प्रभावित आर्थिक परिदृश्य में इंडस्ट्रियल-एसोसिएटस की लंबे समय से चली आ रही मांग पूरी होगी तथा एचएसआईआईडीसी के राजस्व में भी बढ़ोतरी होगी।
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