चंडीगढ़ - किसानों के नए कृषि कानूनों के खिलाफ जारी आंदोलन को फिर तेज करने के बीच केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक ( में आज किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए गेहूं, चना, मसूर, सरसों समेत रबी की 6 फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ा दिया। भाजपा के तमाम राज्यों के नेता इस फैसले पर पीएम मोदी को बधाई दे रहे हैं और बहुत अच्छा फैसला बता रहे हैं लेकिन विपक्ष कुछ और ही बोल रहा है। हरियाणा के पूर्व मुख्य्मंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कई ट्वीट के माध्यम से सरकार को घेरा है।
पूर्व सीएम ने लिखा है कि हरियाणा BJP के नेता 7 साल पहले तक गेहूं का रेट ₹2100 करने की मांग के साथ अर्धनग्न होकर प्रदर्शन करते थे। लेकिन आज 7 साल बाद भी उनकी सरकार गेहूं का रेट ₹2100 नहीं कर पाई। सरकार को अपने वादे, बढ़ती महंगाई और खेती की लागत को ध्यान में रखते हुए C2 फार्मूले के तहत MSP देनी चाहिए।
एक और ट्वीट में उन्होंने लिखा है कि गेहूं, जौ, चने की MSP में 2% की बढ़ोत्तरी नाकाफी और किसानों के साथ मजाक है। UPA सरकार के समय गेहूं का रेट हर साल औसतन 9-10% बढ़ता था।
2022 तक किसानों की आय डबल करने का वादा करने वाली सरकार ने पिछले साल सिर्फ 2.5% और इस साल उसे भी घटाकर सिर्फ 2% MSP बढ़ोत्तरी का झुनझुना थमा दिया।
गेहूं, जौ, चने की MSP में 2% की बढ़ोत्तरी नाकाफी और किसानों के साथ मजाक है। UPA सरकार के समय गेहूं का रेट हर साल औसतन 9-10% बढ़ता था।2022 तक किसानों की आय डबल करने का वादा करने वाली सरकार ने पिछले साल सिर्फ 2.5% और इस साल उसे भी घटाकर सिर्फ 2% MSP बढ़ोत्तरी का झुनझुना थमा दिया।— Bhupinder S Hooda (@BhupinderSHooda) September 8, 2021
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