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फरीदाबाद में डेंगू फैलवा जनता को स्वास्थ्य माफियाओं से लुटवा रहे हैं सत्ताधारी और अधिकारी- बाबा 

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फरीदाबाद- मौसम विभाग की मानें तो अभी कई दिनों तक बारिश का नया दौर जारी रहेगा। आज थोड़ी राहत के बाद कल रविवार एवं परसों सोमवार बारिश हो सकती है। इसके अगले तीन दिन आसमान पर धूप छांव का खेल जारी रहेगा फिर अगले दो दिन बारिश की सम्भावना है। सितम्बर में कई वर्ष बाद इस तरह का मौसम देखा जा  रहा है। बारिश होना अच्छी बात है और शहर का जल स्तर बढ़ सकता है लेकिन इस मौसम में कभी-कभी बारिश लोगों के लिए आफत बनती जा रही है। बारिश से सड़कों के गड्ढों में इजाफा ही नहीं हो रहा है शहर के हजारों लोग बुखार से जूझ रहे हैं। शहर की छोटी बड़ी सैकड़ों निजी अस्पतालों में मेला लगा हुआ है। तमाम बड़ी अस्पतालों में भर्ती होने के लिए लाइन लगी है। किसी में एक दिन बाद तो किसी में दो दिन बाद नंबर आ रहा है। 

बड़ी अस्पतालों में कहा जा रहा है कि शहर में डेंगू ने पांव पसार लिया है। मार्च अप्रैल जैसा नजारा देखा जा रहा है। बुखार शहर की स्लम बस्तियों और कालोनियों में भी फैला हुआ है लेकिन यहाँ अधिकतर गरीब लोग रहते हैं जो बड़ी अस्पतालों में नहीं जा सकते इसलिए स्थानीय डाक्टरों से इलाज करवा रहे हैं भले ही वो डाक्टर एमबीबीएस न हो। स्लम बस्तियों के लोगों का बुखार जहाँ 90 रूपये से लेकर 900 रूपये में ठीक हो रहा है तो वहीं बड़ी अस्पतालों में इलाज करवाने वाले शहर के सक्षम लोगों का बुखार एक दो लाख में ठीक हो रहा है। 

बुखार से पीड़ित शहर के कुछ लोगों का कहना है कि एक से दो हफ्ते बड़ी अस्पतालों में बुखार का इलाज किया जा रहा है और छुट्टी के बाद भी शरीर ऐसा हो जा रहा है जैसे कि कॉरोनकाल में हो रहा था। हरियाणा अब तक ने कल रात्रि लगभग दो दर्जन शहर के नेताओं एवं अधिकारियों से बात की और हमें तब चौंकाने वाली जानकारी मिली। इन दो दर्जन लोगों में से डेढ़ दर्जन लोग ऐसे मिले जिनका कोई परिजन बुखार से तड़प रहा है और किसी निजी अस्पताल में भर्ती है। कुछ लोग खुद बीमार हैं और अस्पताल में भर्ती हैं तो कुछ बीमार से और अब अस्पताल से छुट्टी मिल चुकी है लेकिन हालत अब भी खराब है। चलना फिरना मुश्किल है जबकि लाखों का बिल देकर आये हैं। कई लोग ऐसे भी मिले जिनके परिजन दिल्ली की किसी बड़ी निजी अस्पताल में इलाज करवा रहे हैं। कुछ नेताओं ने बताया कि कुछ बड़ी अस्पतालों में अपने परिजनों का इलाज करवाने के लिए लाइन लगानी पडी और एक दो दिन बाद अस्पताल में खाली बेड मिला। 

कुल मिलकर शहर का हाल बहुत बेहाल है। स्वच्छ भारत के नाम से जनता से 2015 से टैक्स भी वसूला जा रहा है और कई वर्षों से लेकिन फरीदाबाद कितना स्वच्छ हुआ ये शहर के लोग ही जानते हैं। जब ये अभियान शुरू हुआ तो सीएम ने भी इस जिले में झाड़ू लगाईं और शहर के सभी सत्ताधारी नेता झाड़ू लगाते दिखे उसके बाद ये अभियान फरीदाबाद में टांय टांय फुस्स हो गया। सिर्फ मीडिया में छपने के लिए नेताओं ने झाड़ू लगाईं। झाड़ू लगाने का काम नगर निगम का है और नगर निगम मुख्यालय पर लगभग हर तीसरे दिन कर्मचारी हाय-हाय करते दिखते हैं जिनका कहना है हमें समय से वेतन नहीं मिलता और कई कई महीने वेतन नहीं मिलता। 

स्वच्छ भारत मिशन में जनता द्वारा दिया गया टैक्स का पैसा कहाँ जा रहा है कोई पता नहीं। गुजरात के गांधीधाम में रहने वाले आरटीआई कार्यकर्ता रविन्द्र सबरवाल ने आरटीआई के जरिए वित्त मंत्रालय से अभी तक वसूले गए स्वच्छ भारत कर के बारे में जानकारी मांगी थी, साथ ही साथ सरकार ने इस कर को कहां कहां खर्च किया है, इस बात की भी जानकारी मुहैया कराने का आग्रह किया था। लेकिन हैरानी की बात है कि वित्त मंत्रालय ने आरटीआई के जवाब में अब तक वसूले गए कर के हिसाब के बारे में अनभिज्ञता जताई है, वित्त मंत्रालय के पास आम जनता से भारत को स्वच्छ करने के नाम पर वसूले गए कर की कोई भी जानकारी नहीं है। इस पैसे को भारत स्वच्छ करने में कहां कहां खर्च किया जा रहा है, इस बारे में भी मंत्रालय के पास कोई जवाब नहीं है।

अब बड़े सवाल उठने लगे हैं इस टैक्स के बारे में लेकिन बात कर रहे हैं फरीदाबाद की जहां की जनता भी इसी देश में है और सभी सफाई का टैक्स देते हैं लेकिन वर्तमान में शहर के 80 फीसदी लोगों का कहना है कि नरक में रह रहे हैं। सफाई को लेकर शहर के लोग बार-बार चिल्लाते हैं कि उनके क्षेत्र में बीमारियां फ़ैल रही हैं। जीवन नरकीय हो गया है लेकिन न अधिकारी उनकी सुनते हैं न नेता। वर्तमान में हजारों लोग बुखार से कराह रहे हैं। किसी का बच्चा किसी अस्पताल में तड़प रहा है तो किसी की पत्नी तो किसी का पति तो किसी का भाई तो किसी की बहन तो किसी के अन्य परिजन। बड़ी अस्पतालों में कहा जा रहा है सबको डेंगू ने डंक मारा है। 

शहर के इकलौते सरकारी अस्पताल में अभी यानि 8 बजे चुपचाप पहुंचे अनशनकारी बाबा रामकेवल का कहना है कि मैंने देखा कि बीके अस्पताल में बुखार से तड़प रहे आने वाले गरीब निजी अस्पतालों में भेजे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश में स्वास्थ्य माफिया बड़ा खेल-खेल रहे हैं। कॉरोनकाल में स्वास्थ्य माफियाओं ने जनता को जमकर लूटा और कई-कई लाख का बिल बनाया। नकली इंजेक्शन भी लाखों में बिके और सरकार लोगों को लुटते हुए देखती रही। बाद में कहा गया कि ज्यादा बिल बनाने वालों पर कार्यवाही होगी लेकिन मुझे नहीं दिखा कि फरीदाबाद में एक भी स्वास्थ्य माफिया पर अब तक कार्यवाही हुई हो। 

बाबा रामकेवल ने कहा कि जनता को इतना कभी नहीं लूटा गया और कभी इतने निर्दयी नेता भी नहीं देखे गए। अगर मार्च अप्रैल में जनता को लूटने वालों पर कार्यवाही हुई होती तो वर्तमान में स्वास्थ्य माफिया जनता को इतना नहीं लूटते। बाबा ने कहा कि स्वास्थ्य माफिया और सत्ताधारी नेता आपस में मिले हुए हैं और इस कारण जनता लुट रही है और बहुत बुरी तरह से लुट रही है। उन्होंने कहा कि फरीदाबाद में अगर सच में डेंगू  फ़ैल रहा है तो इसके जिम्मेदार शहर के सत्ताधारी और शहर के एक विभाग के अधिकारी हैं।    बाबा ने कहा कि वक्त बदलता रहता है। इन लुटेरों का वक्त भी बदलेगा और एक समय ऐसा भी आएगा कि इन्हे कोई पानी के लिए नहीं पूंछेगा भले ही इनके पास खरबों की संपत्ति हो। 

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