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अरावली पर MCF की JCB की गगनचुम्बी उड़ान देख पाराशर हैरान, बोले सुप्रीम कोर्ट को दिखाऊंगा ये नजारा

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फरीदाबाद- सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद फरीदाबाद नगर निगम ने  आज अरावली क्षेत्र में कई फ़ार्म हाउसों को ढहा दिया और कल भी सिलसिला जारी रह सकता है। आज के पहले लगभग 9 निर्माण ढहाए गए थे  आज सिंगल डे कई फ़ार्म हाउसों पर पीला पंजा चला। निगम अधिकारी प्रयास कर रहे हैं कि आने वाली तारीख पर सुप्रीम कोर्ट को दिखाया जाए कि हमने इतने फ़ार्म हाउस ढहा दिए। सुप्रीम कोर्ट ने ढहाए जाने वाले फ़ार्म हाउसों की लिस्ट माँगी है और इस बार नगर निगम की लिस्ट लम्बी चौड़ी हो सकती है। आज की कार्यवाही से कई ऐसे फ़ार्म हाउस मालिक भी खुश हैं जिनके फ़ार्म हाउस पर निगम की जेसीबी पहुँची और तोड़फोड़ भी हुई। अब आप कहेंगे उनका फ़ार्म हॉउस भी टूटा और वो खुश भी हैं ऐसी क्या बात है? इस बारे में विस्तृत जानकारी फरीदाबाद के जाने माने वकील एवं बार एसोशिएशन के पूर्व अध्यक्ष एवं न्यायिक सुधार संघर्ष समिति के अध्यक्ष एडवोकेट एलएन पाराशर ने क्या दिया पढ़ें। 

एडवोकेट पाराशर ने बताया कि मैं ढाई साल तक अरावली पर घूमा हूँ और अवैध फ़ार्म हाउसों को लेकर, कांत एन्क्लेव को लेकर सुप्रीम कोर्ट भी जा चुका हूँ और अरावली पर ढाई साल लगातार भ्रमण करते हुए मैंने लगभग सभी फ़ार्म हाउस देखे और कितने वैध हैं और कितने अवैध हैं ये मेरी उँगलियों पर हैं। उन्होंने बताया कि आज की कार्यवाही पर मेरी नजर थी और जब कार्यवाही शुरू हुई तो एक साथ के कई फ़ार्म हॉउस तोड़े गए लेकिन मैं हैरान उस समय रह गया जब नगर निगम की जेसीबी ने ऊंची छलांग लगा दी और कई अवैध फ़ार्म हाउसों को तोड़े बगैर जेसीबी अनंगपुर पार जा पहुँची। पाराशर ने कहा कि नगर निगम की जेसीबी की इस ऊंची उड़ान के बारे में मैंने काफी कुछ पता किया है और सुप्रीम कोर्ट को ही बताऊंगा कि आखिर जेसीबी इतना कैसे उड़ सकती है। 

पाराशर ने कहा कि शुरू में जहां के फ़ार्म हाउस आज तोड़े गए उसके बाद अंत में जहां तोड़फोड़ हुई  उसके बीच में दर्जनों अवैध फ़ार्म हाउस हैं जिन्हे छुआ तक नहीं गया। पाराशर ने कहा कि मुझे अपने सूत्रों से एक बड़ी जानकारी ये भी मिल रही है कि निगम का एक अधिकारी बड़ा खेल खेल रहा है। तोड़फोड़ के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है। पहले जैसे 9  निर्माण तोड़े गए अब उस तरह की कार्यवाही नहीं हो रही है। सुप्रीम कोर्ट को दिखाने के लिए और फोटो वीडियो बनाने के लिए नाम मात्र की कार्यवाही की जा रही है ,जिनके फ़ार्म हाउस पूरी तरह से बने हैं उनके अंदर थोड़ी सी तोड़फोड़ कर वीडियोग्राफी कर खानापूर्ति की जा रही है। जिनके फ़ार्म हाउस की सिर्फ दीवार ही है उन्ही की दीवार गिराई जा रही है। 

एडवोकेट पाराशर ने कहा कि आज एक विशेष जाति के फ़ार्म हॉउस मालिकों के फ़ार्म हाउसों को निगम की जेसीबी ने क्यू नहीं छूआ और जब अरावली पर तोड़फोड़ शुरू हुई तब उसी जाती के कुछ लोगों के फ़ार्म हॉउस पूरी तरह ढहा दिए गए। ऐसा एक साजिश के तहत  हो रहा है। आज डिलाइट के आस पास से शुरू तोड़फोड़ के बाद महिपाल ग्रीन वैली तक कोई फ़ार्म हाउस नहीं तोड़ा गया इसमें एक बड़ा राज है और मुझे कुछ फ़ार्म हाउस मालिकों ने ये राज बताया है। 

एडवोकेट पाराशर ने कहा कि मैं बिना पूरी जानकारी के किसी अधिकारी का नाम नहीं लूँगा और जब सबूत मिलेंगे तब उसका नाम उजागर करूंगा और सुप्रीम कोर्ट को भी उस अधिकारी का नाम बताऊंगा। उन्होंने कहा कि इस अधिकारी का नाम मुझे पता चल चुका जो इस समय कई कई लाख की वसूली कर रहा है। ये वसूली फ़ार्म हॉउस मालिकों से की जा रही है। ये अधिकारी उनसे मोटा पैसा लेकर कहता है कि आपके फ़ार्म हाउस में सिर्फ नाम मात्र की कार्यवाही होगी क्यू कि हमें सुप्रीम कोर्ट को जबाब भी देना है। यही कारण है कि कुछ फार्म हाउसों में कार्यवाही के नाम पर खानापूर्ति हो रही है। 

एडवोकेट पाराशर ने कहा कि अरावली पर अब जो ड्रामा चल रहा है और जो ड्रामे के रचयिता हैं और किरदार हैं मैं इन सबका कच्चा चिटठा तैयार कर रहा हूँ और संभवतः कल ही माननीय सुप्रीम कोर्ट, भारत के राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद और हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज को पत्र लिखूंगा और यह पत्र चौंकाने वाला होगा। उन्होंने कहा कि नगर निगम जो खेल खेल रहा है उसकी पूरी जानकारी कल भेजे जाने वाले पत्र में होगी। उन्होंने कहा कि या तो सबके तोड़ दो या सबके छोड़ दो, उगाही के लिए ये ड्रामा बर्दाश्त नहीं। 

उन्होंने कहा कि खोरी में गरीब रहते थे , आपको लाखो दे नहीं सकते थे इसलिए एक तरफ से सबका तोड़ दिया , एक भी दीवार नहीं बची और फ़ार्म हाउस वाले ऐसा क्या कर रहे हैं जो आप सिर्फ खानापूर्ति कर रहे हैं। आज जहां तोड़फोड़ हुई वहाँ अब भी दीवारें क्यू दिख रहीं हैं? उन्होंने कहा कि मेरा प्रयास होगा कि अगली बार नगर निगम को पहले से ज्यादा सुप्रीम कोर्ट में फटकार मिले। इसकी पटकथा आज मैं लिख रहा हूँ और कल सुप्रीम कोर्ट तक पहुँचाने का प्रयास करूंगा। 

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