फरीदाबाद 13 सितंबर। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा राज्य फार्मेसी काउंसिल के प्रधान धनेश अदलखा (फरीदाबाद के पार्षद) हैं, को बड़ा झटका दे दिया है। पिछले लंबे समय से छत्तीसगढ़ बोर्ड से दसवीं और बारहवीं परीक्षा पास करने वाले छात्रों का फार्मासिस्ट के लिए रजिस्ट्रेशन रोकने पर धनेश अदलखा को निर्देश दिए हैं कि 27 सितंबर तक सभी के प्रोविजनल सर्टिफिकेट जारी किए जाएं। एडवोकेट संजीव गुप्ता के माध्यम से पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई थी, जिसमें माननीय न्यायाधीश लीजा गिल की अदालत ने आदेश पारित कर दिए हैं। अदालत ने फार्मेसी कौंसिल के प्रधान और रजिस्ट्रार को निर्देश दिए हैं कि 27 सितंबर से पहले सभी छत्तीसगढ़ बोर्ड से परीक्षा पास करने वालों के प्रोविजनल सर्टिफिकेट जारी कर दिया जाए।
याचिकाकर्ताओं के वकील संजीव गुप्ता ने बताया कि वर्ष 2013 से 2017 के बीच छत्तीसगढ़ बोर्ड को मान्यता प्राप्त थी। जिसके पुख्ता दस्तावेज मौजूद होने के बावजूद चेयरमैन धनेश अदलखा द्वारा केवल रजिस्ट्रेशन के ऐवज में पैसे वसूलने के लिए सैकड़ों पात्र उम्मीदवारों के जिंदगी से खिलवाड़ किया गया। उनके सर्टिफिकेट जारी ना होने के कारण वह पिछले कई वर्षों से बेरोजगार हैं। यदि इन्हें सर्टिफिकेट मिल जाते, तो यह अपना रोजगार चला सकते थे। एडवोकेट संजीव गुप्ता ने बताया कि हर सर्टिफिकेट का एक लाख रुपए मांगा जा रहा था। कम से कम 150 ऐसे सर्टिफिकेट हैं, जोकि छत्तीसगढ़ बोर्ड से परीक्षा पास करके हरियाणा राज्य फार्मेसी काउंसिल से बतौर फार्मासिस्ट रजिस्टर्ड होने के लिए आए थे, जिन्हें ढाई साल से इरादतन सर्टिफिकेट जारी नहीं किए गए। 27 सितंबर तक अब इन सभी पात्र उम्मीदवारों को प्रोविजनल सर्टिफिकेट मिलने के बाद वह अपना रोजगार चला सकेंगे। उम्मीदवारों ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सच की हमेशा जीत होती है और जो लोग लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ करते हैं उन्हें यहीं भुगतना पड़ता है।
Post A Comment:
0 comments: