फरीदाबाद - ओखला दिल्ली निवासी करण गंभीर ने फरीदाबाद की बड़खल तहसील के एक अधिकारी और शहर के पूर्व डिप्टी मेयर पर बड़ा गोलमाल कर हरियाणा सरकार को लगभग 30 करोड़ रूपये का चूना लगाने का आरोप लगाया है। करण गंभीर ने बताया कि 12/6 दिल्ली मथुरा रोड पर इंड्रस्टियल एरिया में उनकी फोर्जिंग प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी थी। जरूरत पड़ने पर उन्होंने 25 करोड़ रूपये का लोन एक बैंक से लिया और आर्थिक नुक्सान होने के कारण वो समय से लोन का भुगतान नहीं कर पाए जिसके बाद बैंक ने उनकी कंपनी को अपने कब्जे में ले लिया। कंपनी नगर निगम फरीदाबाद के क्षेत्र में थी और जब बैंक ने कंपनी को अपने कब्जे में लिया तो नगर निगम कोर्ट पहुँच गया क्यू कि कुछ 24 करोड़ रूपये टैक्स बकाया था। करण गंभीर ने बताया कि वो भी कोर्ट पहुँच गए क्यू कि उनकी कंपनी की जमीन की कीमत 125 करोड़ के आसपास थी। ये इंडस्ट्रियल लैंड थी जबकि इसे एग्रीकल्चर लैंड के रूप में नीलाम किया जा रहा था।
उन्होंने बताया कि अब इस जमीन को कृषि भूमि बताकर बेंच दिया गया और 125 करोड़ की जमीन को मात्र 52 करोड़ में बेंचा गया और सरकार को लगभग 30 करोड़ रूपये का चूना लगाया गया। उन्होंने कहा कि इसमें नगर निगम को भी करोड़ों का नुक्सान हुआ है। उन्होंने बताया कि 2018 तक वो इस कंपनी का टैक्स नगर निगम को देते थे और इंडस्ट्रियल लैंड के रूप में देते थे। उन्होंने बताया कि पिछले माह चार अगस्त को इस जमीन की सेल डीड हुई और मात्र 52 करोड़ रूपये में बेंची गई और इस जमीन को नगर निगम के पूर्व डिप्टी मेयर और उनके पुत्र ने खरीदा।
करण गंभीर के मुताबिक इस खरीद फरोख्त में कोर्ट को भी गुमराह किया गया। उनके पास तमाम सरकारी कागजात हैं कि जमीन इंडस्ट्रियल लैंड है। उन्होंने बताया कि अधिकारियों से सांठगांठ करके उनकी जमीन की फ़ाइल भी गायब करवा दी गई। उन्होंने कहा कि ये फ़ाइल विभाग के लोग और जमीन खरीदने वालों ने गायब करवाई थी । उन्होंने कहा कि इस गोलमाल के कारण उन्हें 55 करोड़ रूपये का नुक्सान हुआ है जबकि सरकार को 30 करोड़ का नुक्सान हुआ है। उन्होंने कहा कि अगर इस जमीन को इंडस्ट्रियल लैंड के रूप में बेंचा जाता तो करीब 125 करोड़ रूपये मिलते। उन्होंने कहा कि 125 की जमीन 52 करोड़ में कैसे चली गई। इसी बात को लेकर वो कोर्ट गए और अगले महीने केस की सुनवाई है। करण के मुताबिक़ पूर्व डिप्टी मेयर ने कुछ अधिकारियों संग मिलकर बड़ा फ्राड किया है। उन्होंने कहा कि मैं हरियाणा के सीएम मनोहर लाल और गृह मंत्री अनिल विज से मांग करता हूँ कि ये फ्राड जिसने भी किया है उस पर कार्यवाही की जाए।
वहीं अब इस आरोप के बाद पूर्व डिप्टी मेयर भी सक्रिय हो गए हैं जो करण गंभीर के आरोप को बेबुनियाद बता रहे हैं। उनका कहना है कि उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया है। उन्हें बेवजह बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है और वो इस मामले को लेकर कोर्ट जायेंगे और बदनाम करने वालों पर मानहानि का केस ठोंकेंगे। ऐसा उन्होंने शहर की मीडिया से कहा है।
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