नई दिल्ली/फरीदाबाद- सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद खोरी के हजारों मकान ढहा दिए गए, जमाई कालोनी में भी तमाम झुग्गियां ढहा दी गईं और 9 फ़ार्म हॉउस भी तोड़े गए। शहर में चर्चाएं थीं कि खोरी और जमाई कालोनी में गरीब रहते थे और जिन 9 फ़ार्म हाउसों को तोडा गया वो लोग कुछ अलग राह पर चल रहे थे और सत्ताधारियों से उनकी बन नहीं रही थी। ऐसी शहर में चर्चाएं हैं सच क्या है वही लोग जानें जिनके फ़ार्म हाउस तोड़े गए। कल इस मामले की सुनवाई थी और सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख दिखाते हुए कितने निर्माण तोड़े गए और कितने अभी बाकी हैं। 27 सितम्बर तक पूरी लिस्ट दी जाए। हरियाणा सरकार ने 13 पेज का जबाब दिया लेकिन कोर्ट सरकार के जबाब से संतुष्ट नहीं दिखा और सरकार द्वारा दिये गए जवाब को स्वीकार नहीं किया और कोर्ट ने सख्त लहजे में आदेश देते हुए पूछा कि अभी तक आपने कितने अवैध निर्माण हटाए हैं। यहीं नहीं सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से अरावली में सभी तरह के अवैध निर्माणों को पूरी लिस्ट मांग ली है।
कुछ समय से अरावली के अवैध फ़ार्म हाउस नहीं तोड़े जा रहे हैं जिसके बाद तरह- तरह के चर्चे भी जारी हैं। फरीदाबाद के पूर्व मेयर पर भी सवाल उठने लगे हैं और चर्चाएं हैं कि केंद्र के एक दिग्गज मंत्री के कहने से उनके परिवार के लोगों के फ़ार्म हाउस नहीं तोड़े गए। गांव में चर्चाएं हैं कि हमने उन मंत्री जी से नगर निगम कमिश्नर को फोन करवा दिया है अब हमारे फ़ार्म हाउस को कोई हाथ नहीं लगा सकता। यहाँ केंद्रीय केबिनेट मंत्री पियूष गोयल का नाम चर्चाओं में है। पूर्व मेयर के परिजनों का अनंगपुर के पास महिपाल ग्रीन वैली के नाम से फ़ार्म हाउस है। शहर के लोग पूर्व मेयर और नगर निगम की मिलीभगत की बात कर रहे हैं जबकि गांव में चर्चाएं हैं कि केंद्रीय मंत्री से फोन करवाया गया है।
अरावली की बात करें तो यहाँ बहुत-बड़े बड़े लोगों के भी फ़ार्म हाउस हैं। शायद यही वजह है कि अब हरियाणा सरकार पर भी सवाल उठने लगे हैं और विपक्ष का कहना है कि सरकार बड़े-बड़े लोगों के फ़ार्म हाउस बचाने का प्रयास कर रही है इसी लिए सरकार ने फरीदाबाद में अरावली का इलाका गैर मुमकिन पहाड़ माना है और सरकार अवैध निर्माणों को बचाने का प्रयास कर रही है। कांग्रेस प्रवक्ता वेद प्रकाश विद्रोही के ये दो ट्वीट पढ़ें
2/2--वहीं #पंजाब_भू_सरंक्षण_एक्ट_1900 में दो साल पूर्व किये संशोधनों के सहारे #अरावलीे_क्षेत्र की जमीन पर बिल्डरों, भू-माफिया, नेताओं, अफसरों, धन्ना सेठों के अवैध कब्जे, निर्माण को भी कानूनी जामा पहनाने की फिराक में!— ved prakash vidrohi (@vpvidrohi) September 21, 2021
#फरीदाबाद_गुरूग्राम जिलों के अंतर्गत #अरावली पहाडों को #हरियाणा_भाजपा_सरकार गैरमुमकिन पहाड बताकर इन पहाडों को #Arawali वन क्षेत्र से बाहर बताकर धन्ना सेठों के अवैध निर्माण को #सुप्रीमकोर्ट में जायज ठहराने का कुप्रयास कर रही--2/2#SupremeCourt #Haryana
— ved prakash vidrohi (@vpvidrohi) September 21, 2021
आपको बता दें कि यहां पर कई शैक्षणिक संस्थान के अलावा कुछ कमर्शल गतिविधियां भी हैं, बड़े मंदिर और आश्रम भी हैं। सब पर तोड़फोड़ की तलवार लटकी है।
Post A Comment:
0 comments: