नई दिल्ली- टमाटर जिसके बिना कई तरह की सब्जियां अधूरी रहती हैं और आसानी से ये पैदा भी नहीं होता। पहले बीज बोये जाते हैं फिर जब वो पौंधा बन जाता है तो उसे उखाड़कर खेत में रोपा जाता है। तब वो बड़ा पौंधा बनता है और उसमे फल लगते हैं। दिल्ली-ेंएनसीआर में अच्छे टमाटर के दाम 30 से 40 रूपये प्रति किलो हैं और आम जनता की पहुँच से दूर होते जा रहे हैं जबकि महाराष्ट्र के कई जिलों में किसान इसी टमाटर को सड़कों पर फेंक रहे हैं। महाराष्ट्र के टमाटर उत्पादक किसानों का कहना है कि बाज़ार में जो कीमत दी जा रही है, उससे लागत भी नहीं निकल रहा है। मंडी ले जाने का वाहन का किराया भी नहीं निकल पा रहा है।
दिल्ली एनसीआर की बात करें तो यहाँ से महाराष्ट्र काफी दूर है और हाल में कई शहरों में डीजल के दाम शतक के आस पास पहुँच गए थे जिसके बाद माल भाड़ा काफी बढ़ गया है। ऐसे में दूर से आने वाली तमाम सब्जियां या तो बहुत मंहगी हैं या आ ही नहीं पा रहीं हैं। कई अन्य तरह के खाद्य पदार्थों के दाम भी इसी वजह से बढे हैं। आम जनता की हालत दिन प्रतिदिन खस्ता होती जा रही है। सरकार 5 किलो फ्री गेंहू देकर अपनी पीठ थपथपा रही है। देश भर में 5 किलो फ्री गेंहू के बड़े- बड़े होर्डिंग आपको दिख जाएंगे जिन पर करोड़ों खर्च किये जा रहे हैं।
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