नई दिल्ली- देश में अब भी कुछ लोग तालिबान का समर्थन कर रहे हैं। जाने माने शायर मुनव्वर राना दो दिनों से खलनायक बताये जा रहे हैं इन्होने पहले तालिबान और उनकी इस जीत का समर्थन किया, फिर सवाल उठे तो और जहर उगला। उन्होंने कहा, जितनी क्रूरता अफगानिस्तान में है, उससे ज्यादा क्रूरता तो हमारे यहां पर ही है। पहले रामराज था लेकिन अब सब बदलकर कामराज है। उत्तर प्रदेश में भी थोड़े बहुत तालिबानी हैं, यहां सिर्फ मुसलमान ही नहीं बल्कि हिंदू तालिबानी भी होते हैं। इस बयान के बाद राना अचानक सोशल मीडिया के निशाने पर आ गए और उन्हें शायर नहीं कायर कहा जा रहा है।
अब कवि कुमार विश्वाश ने एक ट्वीट किया है और लिखा है कि ज़्यादा दिमाग़ न लगाइए।अगर पड़ोस के घर में मची अफ़रातफ़री के कारण,ज़िंदगी भर आपसे इज़्ज़त पाने वाले और आपके घर में रह रहे, बदबूदार सोच से भरे किसी जाहिल शख़्स का पर्दाफ़ाश हो रहा है तो शोक नहीं, शुक्र मनाइए कि दो पैसे की प्याली गई (वो भी पड़ोसियों की) पर कुत्ते की जात पहचानी गई
राणा नहीं ये काणा है. बहुत श्याणा है. प्याली नहीं, लाली गई है. शायर&कायर? इतना बड़ा लायर? शायर समाज को जगाता है, कलम की ताकत से अन्याय और अत्याचार की बिना हथियार के चूलें हिला देता है, घिन है, लानत है, इस नीच की सड़ांध वाली मानसिकता पर. उस बीन का नाम क्या है कि सपोला बाहर आया है
— Gopal Parihar (@gopaljnu) August 19, 2021
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