चंडीगढ़। कांग्रेस ने मनोहर लाल सरकार पर आरोप लगाया है कि भ्रष्टाचार के मुद्दों पर राज्य में भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार आगे दौड़ जांच पीछे छोड़ की नीति पर चल रही है। विधानसभा में उठाए भ्रष्टाचार के मुद्दों पर सरकार के जवाब से असंतुष्ट कांग्रेस के तीन विधायक जगबीर मलिक, नीरज शर्मा और अमित सिहाग ने संयुक्त प्रेस वार्ता में कहा कि सरकार ऐसे मामलों को दबाने के प्रयास में जुटी है जिनमें जनता का करोड़ों रुपया भ्रष्ट अधिकारी, नेताओं और पूंजीपतियों की जेब में चला गया।
हरियाणा एमएलए हास्टल के वीआइपी लांज में प्रेस वार्ता के दौरान विधायक नीरज शर्मा ने फरीदाबाद में 180 करोड़ रुपये का बिना काम भुगतान घोटाला विस्तृत रूप से उठाया। इसके अलावा रहस्योद्घाटन किया कि नगर निगम ने एक निजी औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने के लिए रेलवे की जमीन पर पांच करोड़ रुपये की लागत से विकास कार्य कर दिए। रेलवे ने इस जमीन पर लगी अपनी पटरियां उखाड़कर बेचने का आरोप भी प्रशासनिक अधिकारियों पर लगाया है। इसके अलावा नीरज शर्मा ने आरोप लगाया कि सरकार 1200 करोड़ रुपये की एलईडी लाइट की खरीद में भी करीब 550 करोड़ रुपये के घोटाले की नींव रख चुकी है। उन्होंने बताया कि राज्य में एलईडी की खरीद के लिए सिर्फ एक ही ठेकेदार को टेंडर देने की तैयारी की जा रही है। जबकि यही टेंडर पांच अन्य ठेकेदार 550 करोड़ रुपये में करने को तैयार हैं। यह ठेका ठीक उसी प्रकार होगा जिस प्रकार सरकार ने फरीदाबाद औद्योगिक क्षेत्र में विकास के लिए 119 करोड़ रुपये का टेंडर 41.05 करोड़ रुपये अधिक में दे दिया। बाद में मुख्य सचिव ने हाईकोर्ट में जाकर यह टेंडर रुकवाने की जानकारी दी। नीरज शर्मा ने कहा कि सरकार विधानसभा में भी उचित जवाब नहीं देती है। सरकार आधे-अधूरे जवाब देकर जनता के सवालों से बचना चाहती है।
गोहाना के विधायक जगबीर मलिक ने कहा कि मनोहर सरकार के कार्यकाल में अब 84 घोटाले हाे चुके हैं। उनके पास एक-एक का विवरण है। उन्होंने कहा कि भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ खुद फरीदाबाद में कार्यकर्ताओं के बीच जाकर यह मान चुके हैं कि फरीदाबाद-गुरुग्राम के नगर निगम में भ्रष्टाचार पर शिकंजा कसा जाना चाहिए। इसके अलावा मुख्यमंत्री मनोहर लाल दिल्ली में जाकर यह कहते हैं कि यदि विधायक-सांसद गलत काम की सिफारिश करना बंद कर दें तो भ्रष्टाचार अपने आप ही खत्म हो जाएगा।
मलिक ने कहा कि सरकार भ्रष्टाचार के मुद्दों को लेकर असंवेदनशील है। भ्रष्टाचार के मुद्दे सिर्फ जांच कमेटियों तक ही सीमित हैं। अभी तक किसी मामले में संबंधित दोषी अधिकारियों को सजा नहीं दी गई। इसके अलावा मामले की तह तक भी सरकार इसलिए नहीं जाना चाहती क्योंकि ऐसे मुद्दों से सरकार की आंतरिक स्थिति सामने आती है। विधायक अमित सिहाग ने कहा कि भ्रष्टाचार समाज के आर्थिक ताने-बाने को खोखला कर रहा है। भ्रष्टाचार नहीं रुका तो जनता का जीवन दूभर हो जाएगा। इस भ्रष्टाचार ने जनता का सुख-चैन छीन लिया है।
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