29 अगस्त 2021-स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने करनाल में हरियाणा पुलिस द्वारा कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसानों पर किये बर्बर लाठीचार्ज व लाठीचार्ज से पूर्व करनाल के एसडीएम का पुलिस अधिकारियों को किसानों को बर्बरता से कुचलने के वायरल वीडियो के बाद फिर प्रमाणित हो गया है कि भाजपा-जजपा सरकार सत्ता दुरूपयोग से लाठी बल पर किसानों की आवाज को हर हालत में कुचलने व दबाने के लिए उतारू है। विद्रोही ने कहा कि शनिवार को करनाल में मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर की अध्यक्षता में भाजपा की एक सांगठनिक बैठक का विरोध का ऐलान कर चुके कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसानों को कुचलने व पुलिस द्वारा उन्हे बर्बरता से पीटने की योजना खट्टर सरकार ने पहले ही बना रखी थी। इसका प्रमाण करनाल के एसडीएम का वायरल वीडियो है जिसमें वे पुलिस अधिकारियों को स्पष्ठ निर्देश देते हुए यह कहते दिखाई दे रहे है कि विरोध करने वाले किसानों को खीेंचकर लठ्ठ मारो, सिर फोड देना, मैं लिखित आदेश दे रहा हूं।
विद्रोही ने सवाल किया कि क्या मुख्यमंत्री खट्टर जी के खुद के निर्वाचन क्षेत्र में तैनात एक एसडीएम बिना उनकी जानकारी के खट्टर की बैठक का विरोध करने वाले किसानों के साथ ऐसी बर्बरता करने का खुला निर्देश सार्वजनिक रूप से दे सकता है? करनाल में किसानों पर बर्बर पुलिस लाठीचार्ज करके पुलिस ने मनोहरलाल खट्टर की इच्छा अनुसार करनाल व जीटी रोड़ पर सडकों पर किसानों को लहु-लुहान करके मुख्यमंत्री को सत्ता अहंकार से संतुष्ट किया है। अपने को हरियाणा का बेताज बादशाह समझने वाले खट्टर जी से यह बर्दाश्त नही हो रहा कि लगातार दो बार मुख्यमंत्री बनने के बाद किसान उनकी सभाओं को हर जगह विरोध करने का साहस कैसे कर रहे है? विद्रोही ने कहा कि मुख्यमंत्री बार-बार सार्वजनिक रूप से कह चुके है कि किसान अराजक तत्व है व कांग्रेस के एजेंट है। खट्टर जी तो किसानों को खालिस्तानी व आतंकवादी तक बता चुके है।
उनकी धमकियों व बार-बार किये जाने वाले पुलिस लाठीचार्ज, देशद्रोह सहित विभिन्न संगीन धाराओं में दर्ज मुकदमों से भी जब किसान नही डरे और पीछे नही हटे तो अब खट्टर जी किसानों को सडक़ों पर पुलिस से लहु-लुहान करके अपनी सत्ता ताकत का रौब किसानों पर दिखाना चाहते है जो फासीजम की पराकाष्ठा है। सत्ता अहंकारी भाजपा ने लोकराज में लोकलाज को तांक पर रखकर अब अपना संघी फासिस्ट चेहरा बेनकाब कर दिया। विद्रोही ने कहा कि यह कितनी बड़ी बिडम्बना है कि शनिवार सांय को पुर्ननिर्मित जलियांवाला बाग स्मारक को राष्ट्र को समर्पित करने से ठीक पहले संघी सरकार ने करनाल व जीडी रोड पर किसानों को लहु-लुहान करके अपने को जनरल डायर का सच्चा अनुयायी साबित कर दिया। एक ओर जलियांवाला बाग के शहीदों को श्रद्धाजंली देने का ढोंग, वहीं दूसरी ओर जनरल डायर बनकर किसानों पर बर्बर अत्याचार, यह नौटंकी लोकतंत्र को फासीजम में बदलने का कुप्रयास नही तो और क्या है?
Post A Comment:
0 comments: