नई दिल्ली- हाल में जबरिया रिटायर किये गएयूपी के आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने नेता बनने का ख्वाब देखा था लेकिन आज यूपी पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। हाल में उन्होंने सीएम योगी के खिलाफ चुनाव लड़ने का एलान किया था और अधिकार वाहिनी नाम की पार्टी का एलान किया था। आज दोपहर उन्हें हजरतगंज पुलिस ने गिरफ्तार किया । उनके खिलाफ हजरतगंज थाने में आज दोपहर को ही मुकदमा दर्ज किया गया। जिसमें आरोप है कि उन्होंने दुष्कर्म पीड़िता को खुदकुशी के लिए उकसाया है। इसकी साजिश रची है। मुकदमा एसएसआई दयाशंकर द्विवेदी की तहरीर पर दर्ज किया गया है। उनकी गिरफ्तारी का वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया गया है और कहा जा रहा है पुलिस उन्हें खींच कर ले गई।
अमिताभ ठाकुर पर दुष्कर्म के आरोपी बसपा सांसद अतुल राय का सहयोग करने का आरोप है। दुष्कर्म पीड़िता और उसके दोस्त मुकदमें के गवाह सत्यम राय ने सुप्रीम कोर्ट के बाहर 16 अगस्त को वीडियो बनाया। जिसमें अमिताभ ठाकुर पर आरोप लगाया था। इसके बाद दोनों ने आत्मदाह करने की कोशिश की। गंभीर हालत में अस्पताल मं भर्ती कराया गया। जहां 21 मई को गवाह सत्यम राय और 25 मई को दुष्कर्म पीड़िता की मौत हो गई।
पूर्व आईपीएस ठाकुर ने 8 घंटे पहले अपने फेसबुक पेज पर लिखा है कि आपको यह जान के शायद आश्चर्य हो कि मुझपर अपनी पत्नी Nutan Thakur के साथ मिलकर अपने ही घर में रेप का आरोप लगाने वाली महिला ने पूछताछ में बताया था कि उसने रु० 8 लाख व 2 सरकारी नौकरी के लिए एक पूर्णतया अनजान व्यक्ति पर आरोप लगा दिया था. उसे पैसे तो मिले पर सरकारी नौकरी मिली भी नहीं.
फर्जी रेप केस का भुक्तभोगी होने व इसका गहरा दंश झेलने के कारण मैं इस बात से बखूबी वाकिफ हूँ कि जहाँ इस देश में तमाम महिलाएं गंभीर उत्पीडन का शिकार हैं वहीं महिला कानूनों (रेप, छेड़खानी, दहेज़ एक्ट, दहेज हत्या) का दुरूपयोग भी हो रहा है व बड़े-छोटे सभी इसकी जद में आ रहे हैं।
उनकी गिरफ्तारी के बाद यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने ट्वीट कर लिखा है कि भूतपूर्व पुलिस के विरुद्ध भाजपा सरकार की पुलिस का अभूतपूर्व कार्य! भाजपाई राजनीति लोगों के बीच दरार पैदा करके ही जिंदा है. अब भाजपा सरकार के दबाव के कारण पुलिस ही पुलिस के ख़िलाफ़ काम करने पर मजबूर है. एक सेनानिवृत आईपीएस के साथ ऐसा व्यवहार अक्षम्य है.
भूतपूर्व पुलिस के विरुद्ध भाजपा सरकार की पुलिस का अभूतपूर्व कार्य!भाजपाई राजनीति लोगों के बीच दरार पैदा करके ही जिंदा है. अब भाजपा सरकार के दबाव के कारण पुलिस ही पुलिस के ख़िलाफ़ काम करने पर मजबूर है. एक सेनानिवृत आईपीएस के साथ ऐसा व्यवहार अक्षम्य है. #नहीं_चाहिए_भाजपा pic.twitter.com/o7OG4XRAMy— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) August 27, 2021
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