चंडीगढ़ 25 अगस्त- हरियाणा के गृह मंत्री श्री अनिल विज ने कहा कि ‘‘हरियाणा-112 हरियाणा आपातकालीन त्वरित सहायता प्रणाली’’ की शुरुआत होने से एक ओर जहां अपराधियों में भय का माहौल पैदा हो रहा है वहीं दूसरी ओर इसके जरिए पुलिस, एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड जैसी इमरजेंसी सेवाएं 600 से अधिक इमरजेंसी रिस्पांस व्हीकल्स यानि ‘ईआरवी’ के जरिए 15 से 20 मिनट की समयावधि में जरूरतमंद नागरिकों तक पहुंचाई जा रही हैं। उन्होंने नागरिकों से अनुरोध करते हुए कहा कि किसी भी समय पुलिस सहायता व आपराधिक वारदात की सूचना के लिए तुरंत 112 पर कॉल करें।
इस संबंध में उन्होंने अधिक जानकारी देते हुए बताया कि इस नई पहल के बहुत ही सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं। ईआरवी की वजह से प्रदेश में पुलिस प्रैजेंस बढी है जिससे नागरिकों में सुरक्षा का भाव मजबूत होने के साथ-साथ अपराधियों व असामाजिक तत्वों में भय पैदा हुआ है। नए सिस्टम से नागरिकों को आस भी बंध गई है कि अगर आपात स्थिति में 112 पर सूचना दी तो सुरक्षा के साथ-साथ आरोपित भी पकड़े जाएंगे। हरियाणा 112 से लोगों को समय पर पहुँचाई जा रही मदद से एक तरफ जहां लोगों का पुलिस के प्रति विश्वास और अधिक बढ़ा है, वहीं पुलिस की कार्यप्रणाली में भी काफी पारदर्शिता आई है।
उन्होंने बताया कि पहले 1000 घंटों में आई कुल कॉलों में से 66861 कॉल उन लोगों की थीं, जिन्हें मदद की आवश्यकता थी। इनमें से 56113 इमरजेंसी वाहनों को सहायता के लिए घटनास्थल पर भेजा गया। कुल प्राप्त कार्रवाई योग्य कॉलों में से 52393 लोगों द्वारा पुलिस सहायता, 5860 ने एम्बुलेंस सेवाओं और 455 लोगों ने अग्निशमन सेवाओं के लिए अनुरोध किया। कुल डिस्पैच कॉलों में से, मल्टी- सर्विस डिस्पैच भी थे जिसमें सिस्टम द्वारा एक ही कॉल पर कई सेवाओं को डिसपैच किया गया।
विज ने बताया कि हरियाणा पुलिस द्वारा हरियाणा-112 हेल्पलाइन के लिए 15 से 20 मिनट के अंदर कॉलर तक पहुँचने की समय सीमा तय की गई है लेकिन ईआरवी पर तैनात पुलिसकर्मियों ने औसतन 16 मिनट 28 सेकेन्ड में पुलिस मदद पहुँचाकर सेवा सुरक्षा सहयोग को नारे को सार्थक किया है। उन्होंने बताया कि पंचकूला के स्टेट इमरजेंसी रिस्पांस सेंटर में 13 जुलाई सुबह 8 बजे से 23 अगस्त के बीच कार्रवाई योग्य कालों के माध्यम से कुल 470189 कॉलर्स ने सहायता के लिए कॉल किया।
महिलाओं को विशेष लाभ
उन्होंने बताया कि पुलिस थानों में 112 ईआरवी वाहन होने से प्रदेश में जहां सैंकडों दुर्घटनाग्रस्त लोगों को तुंरत अस्पताल पहुंचाकर उनकी जान बचाई गई, अनेकों संभावित आपराधिक गतिविधियों को रोका गया, वहीं महिलाओं को 112 का सबसे अधिक लाभ मिल रहा है। स्कूल, कॉलेज, बाजार जैसे स्थानों पर जहां ज्यादा छेड़छाड़ की घटना होती है तो वे सीधे 112 डॉयल कर सकती हैं। इससे पुलिस सीधे घटनास्थल पहुंच कर महिलाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करती है।
जब डायल 112 सेवा को कहा थैक्स
विज ने कुछ घटनाओं का उल्लेख करते हुए बताया कि नई दिल्ली से तीन लोगों द्वारा लूटी गई एक कार को हरियाणा 112 की टीम द्वारा झज्जर जिले में तुरंत पकड़ा गया। हरियाणा 112 की टीम न केवल चोरी की गाड़ी बरामद की बल्कि तीनों चोरों को भी पकडऩे में सफल रही। इसी तरह, एक अन्य मामले में राजस्थान से अगवा किए गए एक नाबालिग को हरियाणा में छुड़ाया गया, जब अपहरणकर्ता हरियाणा क्षेत्र से गुजर रहे थे। उन्होंने दहेज हत्या की एक संदिग्ध घटना का भी जिक्र किया जिसमें शव का अंतिम संस्कार किया जाना था लेकिन हरियाणा-112 ईआरवी समय पर मौके पर पहुंच गई और आगे की जांच के लिए शव को अपने कब्जे में ले लिया। फतेहाबाद में 112 की गाड़ी परिवार के लिए वरदान बनी और साढ़े 3 साल के बिछड़े बच्चे को परिजनों से मिलवाया।
उन्होंने बताया कि इन सभी मामलों में, हरियाणा 112 की टीम ने पेशेवर तरीके से ऐसे सभी मामलों को हल करने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और पीडि़तों की तय समय में मदद की। श्री विज ने आगे बताया कि हरियाणा पुलिस राज्य भर के निवासियों को त्वरित और कुशल आपातकालीन सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है और इस संबंध में सभी आवश्यक कदम उठा रही है।
निरंतर मजबूती से स्थापित हो रही 112 सेवा
राज्य स्तर पर हरियाणा-112 की कमान संभाल रहे एडीजीपी टेलीकॉम एंड आईटी श्री अरशिंदर सिंह चावला ने बताया कि सिंगल इमरजेंसी हेल्पलाइन पर कॉल करने वाले व्यक्ति को कम से कम समय में पुलिस मदद पहुँचाई जा रही है, जिसके लिए ईआरवी पर तैनात सभी पुलिसकर्मियों सहित श्री उदय सिंह मीणा एसपी हरियाणा-112 के नेतृत्व में हरियाणा 112 की टीम सराहना की पात्र है। यह परियोजना नई है और आपातकालीन सेवाओं में सुधार के लिए निरंतर उन्नयन किया जा रहा है। हरियाणा के निवासियों को त्वरित और कुशल सेवाएं प्रदान करने के लिए तैनात अधिकारी/कर्मचारी परियोजना पर लगातार काम कर रहे हैं।
हरियाणा के गृहमंत्री के आदेशानुसार विभिन्न श्रेणियों में सर्वोत्तम कार्य करने वाले अधिकारियों को सम्मानित करने के लिए एक प्रणाली बनायी गई है जिसके तहत हर माह ऐसे अधिकारियों को सम्मानित किया जाएगा। इसी क्रम में जुलाई माह में निम्नलिखित अधिकारियों को उनके उत्तम कार्यों के लिए सम्मानित किया जा रहा है।
बेस्ट कॉल रिसीवर की बात की जाए तो सुश्री रीता देवी, सुश्री मधु बाला और सुश्री प्रियंका मलिक ने कम प्रतिक्रिया समय, पीडि़त से सटीक जानकारी लेने और सिस्टम में सही इवेंट मैपिंग के आधार पर किया गया। इसी प्रकार, बेस्ट कॉल डिस्पैचर में हेड कांस्टेबल ज्ञान चंद, हेड कांस्टेबल अंकुर और हेड कांस्टेबल सर्वजीत सिंह है और इन तीनों कर्मचारियो का चयन घटस्थल से निकतम गाड़ी के चुनाव व सही तालमेल के आधार पर किया गया है। अगर बेस्ट ईआरवी वाहन की बात की जाए तो रेवाडी के ईआरवी नंबर 569 है जिनमें ईएसआई सुजान सिंह, ईएचसी ओम प्रकाश और सिपाही नरबीर सिंह है।
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