चण्डीगढ, 20 अगस्त- हरियाणा में फरीदाबाद-गुरुग्राम कलस्टर में एकीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन ( संग्रह परिवहन, प्रसंस्करण और निपटान) की विकास परियोजना मैसर्ज इको-ग्रीन कंपनी को वर्ष 2017-22 वर्षों के लिए आबंटित की गई है । यह जानकारी आज शहरी स्थानीय निकाय मंत्री अनिल विज की अनुपस्थिति में परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा ने हरियाणा विधानसभा में चल रहे सत्र के दौरान लगाए गए एक प्रश्न के उत्तर में देते हुए दी।
उन्होंने कहा कि 14 अगस्त, 2017 को नगर निगम गुरुगाम, नगर निगम फरीदाबाद और कन्सेसनेयर (मैसर्ज इको-ग्रीन कंपनी) को बीच समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे। अनुबंध के अनुसार कन्ससनेयर अर्थात मैसर्ज इको-ग्रीन कंपनी को विभिन्न गतिविधियों को शामिल करते हुए निजी भागीदारी के तहत एकीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन की सुविधा दी जा रही है। उन्होंने बताया कि इनमें कचरा उत्पादकों से गीला व सूखा कचरा अलग-अलग तरीके से घर-घर जाकर संग्रह करना, कचरे को द्वितीयक संग्रह से प्रंस्सकरण सुविधा तक पहुंचाना, प्रसंस्करण सुविधा यानी अपशिष्ट से ऊर्जा संयंत्र और सेनिटरी लैंडफिल का डिजाइन और सेटअप करना शामिल है।
उन्होंने बताया कि मैसर्ज इको-ग्रीन कंपनी का चयन निम्नलिखित तंत्र पर किया गया था। उत्पादन आधारित प्रोत्साहन- कचरे से बिजली उत्पादन का 10.40 रुपये प्रति यूनिट मैसर्स इको -ग्रीन कंपनी को किया जायेगा। 6.84 रुपये प्रति यूनिट का भुगतान डिस्कॉम द्वारा बिजली की खरीद पर कन्सेसनेयर को प्रति पीपीए के तहत किया जाएगा। 3.36 रुपये प्रति यूनिट का भुगतान शहरी स्थानीय निकायों द्वारा उनके अपशिष्ट उत्पादन के अनुपात में किया जाएगा। संग्रह और परिवहन के लिए टिपिंग शुल्क 1000 रुपये प्रति टन प्री-सीओडी अवधि दौरान और 333 रुपये प्रति टन पोस्ट सीओडी अवधि में अपशिष्ट एकत्र, परिवहन और प्रसंस्करण हेतु निर्धारित हैं। अनुमानित परियोजना लागत का 25 प्रतिशत (82.05 करोड़ रुपये) की व्यवहार्यता गैप फंडिंग भारत सरकार के माध्यम से अनुदान के रूप में दी जाएगी। अपशिष्ट उत्पादकों से यूजर शुल्क की वसूली भी कन्ससेनेयर की आय का एक स्रोत है। नगर निगम, फरीदाबाद प्रति टन कचरे का संग्रह और परिवहन के आधार पर कन्ससेनेयर को एक हजार रुपये प्रति एमटी की राशि दी जाती है। टिपिंग शुल्क का भुगतान वार्डवार भुगतान की बजाए नगर निगम, फरीदाबाद की सीमा में एकत्रित कुल कचरे के लिए किया जाता है।
उन्होंने नगर निगम, फरीदाबाद द्वारा मैसर्स ईको ग्रीन कंपनी को किए गए भुगतान का वर्षदार विवरण देते हुए बताया कि वितीय वर्ष 2017-18 में दिसंबर 17 से मार्च 18 तक 53085000 रुपय,े 2018-19 में अप्रैल 18 से मई 19 तक 224765000 रुपये, 2019-20 में जून 19 से मार्च 20 तक 191896000 रुपये, 2020-21 में अप्रैल 20 से मार्च 21 तक 240125901 रुपये और 2021-22 में अप्रैल 21 से मई 21 तक 37203701 रुपये है।
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