फरीदाबाद, 3 अगस्त : अरावली वन क्षेत्र की भूमि पर अतिक्रममण और अवैध निर्माण हटाने के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट सख्त दिखा और किसी भी तरह के स्टे से साफ इंकार कर दिया। वहीं, खोरी वन क्षेत्र के लोगों को सरकार द्वारा शेल्टर होम मुहैया कराने की बात की गई। जिस पर आम आदमी पार्टी के जिला अध्यक्ष धर्मबीर भड़ाना ने प्रसन्नता व्यकत करते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी के सह प्रभारी डॉ. सुशील गुप्ता की मुहिम रंग लाई है। खोरी क्षेत्र के लोगों को पुनर्वास देने एवं अरावली वन क्षेत्र में अनखीर चौकी से लेेकर अनंगपुर चौक तक बने अवैध फार्म हाउसों पर कार्यवाही की मांग आम आदमी पार्टी ने सबसे पहले उठाई थी। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर धर्मबीर भड़ाना ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट 23 जुलाई को दिए अपने निर्णय पर अडिग है।
फरीदाबाद के गांव खोरी में वन क्षेत्र की भूमि से हटाए गए लोगों के लिए विस्थापित केंद्र स्थापित करने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया है और हमें उम्मीद है खोरी से विस्थापित सभी लोगों को आश्रय मिलेगा। सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्णय में साफ किया है कि नगर निगम 23 अगस्त तक विस्थापितों के पुनर्वास की नीति लेकर आए। सुप्रीम कोर्ट से स्टे लेकर अरावली में फार्म हाउस चला रहे लोगों की तरफ से शीर्ष अदालत में पेश हुए वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने तर्क दिया कि फार्म हाउस वन क्षेत्र की भूमि पर नहीं है। यह भूमि निजी है और शादी के लिए लोगों को दी जाती है। कोर्ट ने सवाल किया कि यदि यदि फार्म हाउस वन क्षेत्र में नहीं हैं तो वे अदालत में क्यों आए। यदि उनके पास ऐसे कोई दस्तावेज हैं कि उनके फार्म हाउस वन क्षेत्र में नहीं हैं तो वे शुक्रवार तक नगर निगम फरीदाबाद को अपने कागजात दिखा दें। नगर निगम प्रशासन तब तक ऐसे निर्माणों के खिलाफ तोडफ़ोड़ की कार्रवाई कर सकता है जो बिना नक्शा पास कराए अवैध निर्माण हैं।
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