Faridabad- हरियाणा अभिभावक एकता मंच ने कहा है कि एपीजे स्कूल अप्रैल 2022 से शुरू होने वाले शिक्षा सत्र के नर्सरी दाखिले में दाखिला शुल्क 24000, कॉशन मनी 15000, एनुअल चार्ज 20000, अप्रैल 2022 से जून 2022 की तिमाही ट्यूशन फीस 38901 व ओरियंटेशन चार्ज 24675 के रूप में कुल टोटल फीस 122576 एडवांस में 7 महीने पहले वसूल रहा है जबकि पढ़ाई 1अप्रैल 2022 से शुरू होनी है। मंच का आरोप है कि अन्य स्कूल मॉडर्न डीपीएस, डीएवी, डीपीएस, मानव रचना, ग्रैंड कोलंबस आदि भी ऐसी मनमानी कर रहे हैं। मंच का यह भी आरोप है कि प्राइवेट स्कूल संचालकों ने एक दो साल और ज्यादा पैसा कमाने के चक्कर में कक्षा एक से पहले अपनी मर्जी से तीन चार प्राथमिक क्लास बना रखी हैं। जबकि नियमानुसार कक्षा एक से पहले सिर्फ दो प्री प्राथमिक क्लास होनी चाहिए।
मंच ने स्कूलों की इस मनमानी की शिकायत चेयरमैन एफएफआरसी, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी से करके दोषी स्कूलों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने की मांग की है। मंच के प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट ओपी शर्मा व प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा ने कहा है कि इस समय प्राइवेट स्कूल शिक्षा सत्र 2022-23 के लिए प्री प्राथमिक कक्षाओं में सात महीने पहले ही दाखिला कर रहे हैं। इस दाखिला प्रक्रिया में हरियाणा शिक्षा नियमावली, हुडा विभाग व सीबीएसई के सभी नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है। ऑल इंडिया पेरेंट्स एसोसिएशन आईपा के जिला अध्यक्ष एडवोकेट बीएस विरदी ने कहा है कि शिक्षा नियमावली का नियम है कि कक्षा एक से पहले प्री प्राथमिक में सिर्फ 2 क्लास ही होनी चाहिए। एलकेजी और यूकेजी या अन्य किसी भी नाम से। लेकिन स्कूल प्रबंधकों ने एक दो साल और अधिक पैसा अभिभावकों से वसूलने के लिए प्री नर्सरी, नर्सरी, एलकेजी, यूकेजी नाम से चार कक्षाएं बना रखी हैं। नियम यह भी है कि 3 साल से पहले के किसी शिशु का स्कूलों में दाखिला नहीं होना चाहिए और एलकेजी में 3+,यूकेजी में 4+, क्लास वन में 5+ की उम्र के बच्चों को दाखिला देना चाहिए। मंच का आरोप है कि स्कूल प्रबंधकों ने अपनी सुविधा अनुसार दाखिले की उम्र तय कर रखी है। दो, ढाई साल के बच्चों को भी प्री नर्सरी, नर्सरी में दाखिला दिया जा रहा है। मंच का कहना है कि प्री प्राथमिक क्लास में दाखिला देकर एडवांस में 7 महीने पहले लाखों रुपए वसूलना पूरी तरह से गैरकानूनी है। स्कूल प्रबंधक एडवांस में पूरी फीस वसूल कर बैंक ब्याज के रूप में ही हजारों रुपए महीने कमा रहे हैं।
मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा ने कहा है कि स्कूल प्रबंधक पिछले पांच साल से ऐसी मनमानी कर रहे हैं। मंच ने इसकी शिकायत 2019, 20 व 21 में सबूत के साथ चेयरमैन एफएफआरसी कम मंडल कमिश्नर संजय जून से की थी लेकिन उन्होंने दोषी स्कूलों के खिलाफ कोई भी उचित कार्रवाई नहीं की इसी के चलते स्कूल वालों के हौसले बुलंद हैं। मंच ने कहा है कि अब अगर चेयरमैन एफएफआरसी ने दोषी स्कूलों के खिलाफ शीघ्र ही कोई उचित कार्रवाई नहीं की तो मंच चेयरमैन एफएफआरसी की कार्यशैली की शिकायत मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री व अतिरिक्त मुख्य सचिव शिक्षा डॉ महावीर सिंह से करके चेयरमैन एफएफआरसी व दोषी स्कूलों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने की मांग करेगा। मंच ने अभिभावकों से भी कहा है कि वे स्टेटस सिंबल के चलते नामी-गिरामी स्कूलों की इस गैर कानूनी मनमानी का जानते हुए भी शिकार ना हों और इस मनमानी का खुलकर विरोध करें।
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