फरीदाबाद- शहर के कुछ नेताओं, कुछ अधिकारियों और कुछ पार्षदों पर बड़े सवाल उठ रहे हैं। हाल में ही विपक्ष के एक विधायक के घर के पास एक खड़ंजा नगर निगम ने तोड़ा था। उसी दिन तमाम पार्षद निगमायुक्त के दफ्तर में धरने पर बैठे थे और विधायक के घर के पास की लगभग 50 ईंट जब तक तुड़वा नहीं दिए तब तक ऐसी रूम में धरने पर ही बैठे रहे। धरने पर बैठे पार्षदों का मजाक भी उड़ा और कहा गया कि इनमे से अधिकतर पार्षद सत्ताधारी पार्टी के समर्थक हैं और ये बड़े लोग हो गए हैं। गर्मी में नहीं बैठ सकते। इस मामले के बाद पांच नंबर का एक मामला आया जहाँ लगभग 50 दुकानें अवैध रूप से बनने की बात आई। इस मामले में हरियाणा अब तक ने एसडीओ जीतराम से बात की तो उन्होंने कहा कि अगर यहाँ दुकानें बन रहीं हैं और शटर लगा तो तोड़ दिया जायेगा। इसके बाद कई लोग वहां पहुंचे जिनका कहना था कि यहाँ दुकानें ही बन रहीं हैं। नगर निगम के अधिकारियों को नोटों का चश्मा पहना दिया गया है इसलिए उन्हें कुछ दिख नहीं रहा है। ये वो ईमारत है पहले भी आपने देखा होगा ये तस्वीर फिर देखें
इसके बाद लगभग दो दिन से शहर में एक अफवाह आग की तरह फ़ैली। इस अफवाह में कहा गया कि नगर निगम फरीदाबाद का एक एसडीओ शहर में बहुत बड़ा खेल खेल रहा है और वो एसडीओ लाखों लेकर शहर में अवैध निर्माण करवाता है और रोजाना कई -कई लाख कमाता है और उस अवैध कमाई से वो शहर में दर्जनों निर्माण अपना खुद का करवा रहा है। कुछ लोगों ने बल्लबगढ़ सोहना के मुख्य रोड के किनारे एसडीओ के निर्माण की जानकारी दी। मौके पर आज मीडिया के कुछ लोग पहुंचे तो देखा गया कि सच में कार्य अति प्रगति पर है। यही नहीं सड़क के उस पार भी कार्य प्रगति पर है और एक और ईमारत निर्माणाधीन दिखी।
मीडिया ने वहां पहुँचते ही देखा कि सड़क के किनारे एक निर्माण हो रहा है और उस जगह TO-LET का बोर्ड भी लगाया जा रहा है। बोर्ड लगाने वालों ने जब देखा कि सामने शायद मीडिया है और फोटों खींची जा रहीं हैं,वीडियो बनाया जा रहा है। देखते ही वो TO-LET का बोर्ड लेकर रफू चक्कर हो गए। आज इस मामले उसी एसडीओ का नाम आया ,वीडियो वायरल होने के बाद लोगों का कहना है कि कहाँ से आया एसडीओ के पास इतना पैसा और अगर वो पीछे से किसी अच्छे और बड़े खानदान से है तो कितना टैक्स देता है। ये सार्वजानिक करे।
इस वीडियो में देखें कैसे बोर्ड उतार भागे
अगर निर्माण वैध है तो भागे क्यू? यहीं पर शक हुआ कि शायद कुछ न कुछ गड़बड़ है। इन निर्माणों को लेकर जल्द फरीदाबाद की तमाम सामाजिक संस्थाएं सड़क पर उतर सकती हैं। संभव है कि ये मामला हरियाणा विधानसभा में भी उठे।
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