इससे पहले समाज् के वरिष्ठ पदाधिकारियो द्वारा पूर्व मंत्री विपुल गोयल का फूल मालाओं, गुलदस्ता और शाल से भव्य स्वागत किया गया ।
इस अवसर पर् श्रीः गोयल ने कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि इतनी गौरवशाली भाषा एवं उससे जुड़े लोगों की सेवा करने का अवसर मुझे प्राप्त हुआ है। विपुल गोयल ने सबको विश्वास दिलाते हुए कहा कि भोजपुरी में फूहड़पन तथा अश्लीलता परोसने वाले कलाकारों, रचनाकारों तथा चैनलों पर प्रभावकारी रोक लगाकर बीस करोड़ भोजपुरी प्रेमियों की अभिलाषा को पूर्ण करने का पुनीत कार्य करने का जो जिम्मा उन्हें सौंपा है, आप सबके सहयोग से वो अवश्य पुरा होगा और भोजपुरी समाज की जीत होगी। पूर्व मंत्री ने कहा कि भोजपुरी समाज की छवि धूमिल करने वाले न सिर्फ समाज के लिए दीमक का काम कर रहे है बल्कि अन्य नौजवानो का भविष्य भी गर्त में ले जाने का काम् कर रहे है, इसलिए ऐसे दीमक को जड़ से खत्म किया जाएगा।
इससे पहले कार्यक्रम के संयोजक डॉ. आर एन सिंह ने कार्यक्रम के आरम्भ में कहा कि हाल के वर्षों में कुछ कुंठ मानसिकता के लोगों ने निजी स्वार्थ की सिद्धि के लिए चौतरफा विकृतियाँ लाने का काम किया है। नौजवान पढ़े लिखें युवक- युवतियो को लालच देकर् न सिर्फ उनका जीवन बर्बाद कर रहे है बल्कि समाज पर भी फूहड़पन तथा अश्लीलता का कलंक लगाने का काम कर रहे हैं इसलिए ऐसे कलाकारों, रचनाकारों तथा उन्हें प्रोत्साहित करने वाले विभिन्न प्रकार के चैनलों पर सख्त पाबंदी लगाना नितान्त आवश्यक है।
भोजपुरी अवधी समाज के चेयरमैन पं. रमा कान्त तिवारी ने कहा कि भोजपुरी महज़ एक भाषा नहीं अपितु भारत के मूल संस्कृति की अनमोल धरोहर है। भोजपुरी तथा भोजपुरिया जगत का गौरवपूर्ण इतिहास मानव संस्कृति के लिए प्रेरणा का अभूतपूर्व स्रोत है, स्वार्थी एवं अवसरवादी लोगों से भोजपुरी को महफ़ूज रखना होगा।
भोजपुरी समाज के प्रमुख संरक्षक पं. ओ पी पाण्डेय ने कहा कि वर्तमान परिवेश में भोजपुरी को संरक्षित एवं संवर्धित करने के साथ हीं निजी स्वार्थ के लिए इसे फूहड़ एवं अश्लील बनाने वाले लोगों का सामाजिक बहिष्कार करने के साथ हीं वैधानिक एवं प्रशासनिक कदम उठाने की आवश्यकता है और यह कार्य माननीय विपुल गोयल जी के नेतृत्व में हरियाणा प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री, माननीय केन्द्रीय कला एवं संस्कृति मंत्री तथा माननीय केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री सहित सम्बंधित उच्च पदस्थ पदाधिकारियों तक भोजपुरी प्रेमियों की आवाज उठाया जाए यह हम सबकी इच्छा है। सभी संगठनों के पदाधिकारियों ने कर ध्वनि से इस प्रस्ताव का समर्थन किया।
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