नई दिल्ली- देश भर में हजारों ऐसे लोग जेल में हैं जिन पर आरोप है कि उन्होंने शादी का झांसा देकर दुष्कर्म किया है। तमाम मामलों में देखा जाता है कि कोई महिला किसी पुरुष के साथ एक दो साल नहीं 10 साल तक साथ रहती है। घूमती है खाती-पीती भी है बाद में वही महिला दुष्कर्म का आरोप लगा देती है और कहती है इन्होने शादी का झांसा देकर मेरे साथ दुष्कर्म किया है। कई मामलों में पीड़ित लोग कहते हैं कि जब तक खिलाता पिलाता रहा तब तक सब कुछ ठीक था। आर्थिक हालत खराब हुई और खिलाना पिलाना बंद किया तो दुष्कर्म का आरोप थोप दिया। अब ऐसे मामलों में पुरुषों को बड़ी राहत मिल सकती है क्यू कि पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा है कि शादी का वादा करने के बाद अगर विवाहित महिला की सहमति से संबंध बने हैं तो ऐसे में पुरुष को पूर्ण रूप से दोषी नहीं कहा जा सकता है।
कोर्ट ने दुष्कर्म के आरोपी को जमानत देते हुए यह अहम टिप्पणी की है। हालांकि ट्रायल कोर्ट को इन टिप्पणियों पर गौर किए बगैर ट्रायल पूरा करने की सलाह दी है। याचिका दाखिल करते हुए आरोपी ने बताया कि उस पर महिला ने 17 मार्च को कुरुक्षेत्र में दुष्कर्म और एससी/एसटी एक्ट का मामला दर्ज करवाया था। हाईकोर्ट ने याची व सरकार की दलीलों को सुनने के बाद कहा कि एफआईआर देखने से स्पष्ट होता है कि महिला से जबरन संबंध नहीं बनाए गए थे।
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