नई दिल्ली- किसान आंदोलन को लगभग 8 महीने होने जा रहे हैं और आज 200 किसान जंतर मंतर पहुंचे और अपनी संसद चलाई। मानसून सत्र में भी किसानों के मुद्दे पर हंगामा देखा गया। अब केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी ने प्रदर्शनकारी किसानों के लिए आपत्तिजनक शब्द का इस्तेमाल करते हुए कहा कि देश जानता है कि वे किसान नहीं मवाली हैं। इसका संज्ञान भी लेना चाहिए, ये आपराधिक गतिविधियां हैं, जो कुछ 26 जनवरी को हुआ वो भी शर्मनाक था, आपराधिक गतिविधियां थी, उसमें विपक्ष द्वारा ऐसी चीजों को बढ़ावा दिया गया।
केंद्रीय मंत्री के बयान के बाद जहां विपक्ष उन्हें घेर रहा है वहीं किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि मवाली नहीं किसान हैं, किसान के बारे में ऐसी बात नहीं कहनी चाहिए। किसान देश का अन्नदाता है। शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन करने का ये भी एक तरीका है। जब तक संसद चलेगी हम यहां आते रहेंगे। सरकार चाहेगी तो बातचीत शुरू हो जाएगी। देखें सोशल मीडिया पर कौन क्या बोल रहा है।
गाली-जीवी मोदी सरकार,
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) July 22, 2021
अब हम अन्नदाता “मवाली” हैं !
चुल्लु भर पानी में डूब मरो ।#FarmersProtest pic.twitter.com/ZKFPk1V5JS
शर्म करो!
— Mukesh Sharma (@MukeshSharmaMLA) July 22, 2021
मीनाक्षी लेखी जी किसान मवाली नहीं बल्कि अन्नदाता है!!
इसलिए माफी मांगो या इस्तीफा दो... pic.twitter.com/NOkdf66xRg
माननीय मंत्री मीनाक्षी लेखी जी किसान 'मवाली' नहीं बल्कि किसान हमारे अन्नदाता, भगवान हैं भारत का भाग्य विधाता है।
— Shakuntala Sahu MLA (@ShakuntalaSahu0) July 22, 2021
बेहद ही शर्मनाक बयान हैं इसके लिए अन्नदाता कभी माफ नहीं करेगी। @M_Lekhi
मीनाक्षी लेखी के ससुर गोडसे जैसे आतंकियों के वकील रहे हैं, इसलिए बिल्कुल आश्चर्य नहीं हो रहा कि ये किसानों को मवाली कह रही हैं।
— Gaurav Pandhi (@GauravPandhi) July 22, 2021
देश भक्तों की जासूसी करने वाले संघिओं का प्रमाणपत्र नहीं चाहिए किसानों को।
pic.twitter.com/MgUNk4dY7Z
पहले खालिस्तानी कहा
— KALPESH RAVAL (@kalpeshravals) July 22, 2021
आज मवाली कहा
आगे ना जाने अन्नदाताओं का क्या क्या नामकरण करेंगे.
अब की बार नामकरण सरकार
शर्म करो सरकार
खुद को स्वस्थ भारत लिखना नहीं आता
और किसानों को मवाली कहती है ???
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