नई दिल्ली- नेताओं के दावे हाल में अप्रैल मई में फेल होते दिखे और देश का कितना विकास हुआ है हर किसी ने देखा जब रोजाना आक्सीजन की कमी से कई-कई लोग अस्पतालों में दम तोड़ रहे थे। पूरा सिस्टम ही फेल दिखा। जून के पहले कई राज्यों में पूर्ण लॉकडाउन था और उस समय यानी अप्रैल मई में रुक-रुक बारिश हुई और लोगों को गर्मी का एहसास नहीं हुआ। लाकडाउन की वजह से तमाम बड़े उद्योग एवं अन्य चीजें बंद रहे इसलिए उस दौरान कई राज्यों में बिजली की खपत बहुत कम थी। उसके पहले सर्दियां थीं और उस समय भी बिजली की खपत कम थी। उसी दौरान कई राज्य सरकारों ने अपनी जमकर पीठ थपथपाई और कहा कि हम तो जनता को 24 घंटे बिजली दे रहे हैं।
हरियाणा सरकार भी उन्ही राज्यों में से एक थी और कहा गया कि 5000 से ज्यादा गांवों को भी 24 घंटे बिजली दी जा रही है। मई के बाद आया जून। प्रदेश का पारा बढ़ गया। मौसम विभाग में 15 जून के आस-पास मानसून आने की बात की लेकिन मानसून धोखा दे गया और अब जुलाई चल रही है और अब तक नहीं आया। इसी लगभग एक महीने में सरकार के दावों की पोल खुल गई क्यू कि शहर हो या गांव हर जगह से पावर कट की सूचना आ रही है। कहीं-कहीं तो दिन भर बिजली गुल रहती है। कई जगहों पर बार -बार कट लग रहे हैं। जनता बेहाल है। अधिकारीयों ने फोन उठाने बंद कर दिए हैं। कहीं ट्रांसफार्मर खराब होता है तो कई-कई घंटे ठीक नहीं किया जाता।
मानसून की बात करें तो ये चार दिन बाद यानि रविवार को आ सकता है। दिल्ली-एनसीआर में जोरदार बारिश हो सकती है। हरियाणा के कई जिलों में भी झमाझम बारिश का अनुमान लगाया जा रहा है। अगर मानसून रविवार को आ गया तभी गर्मी से राहत मिलेगी। मानसून आने पर एक और बड़ी बात ये होती है कि जैसे बारिश शुरू होती है सबसे पहले बिजली काट ली जाती है। शहरों में अधिकतर ऐसा देखा जाता है। फिलहाल दिल्ली एनसीआर के सक्षम लोग पहाड़ों की तरफ भाग रहे हैं तभी कई पर्यटक स्थलों पर मेला लगा हुआ है। तस्वीर फरीदाबाद के हरकेश नगर की है जहाँ कल सुबह 8 बजे से देर रात्रि तक बिजली गुल रही। लोग बेहाल रहे। अधिकारियों के फोन बंद थे।
Post A Comment:
0 comments: