फरीदाबाद,17 जुलाई। मानसून सत्र में बहुप्रतीक्षित बिजली संशोधन बिल 2021को पारित करने के खिलाफ बिजली कर्मचारी 19 जुलाई को राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन करेंगे। विरोध प्रदर्शनों के बावजूद बिजली वितरण प्रणाली के निजीकरण करने के बिल को जल्दबाजी में बहुमत के दम पर पारित करने के प्रयास किए तो 15 लाख बिजली 10 अगस्त को देशभर के बिजली कर्मचारी राष्ट्रव्यापी हड़ताल करेंगे। यह ऐलान इलेक्ट्रीसिटी इंप्लाईज फैडरेशन ऑफ इंडिया (ईईएफआई) के उपाध्यक्ष सुभाष लांबा ने शनिवार को आल हरियाणा पावर कारपोरेशनज वर्कर यूनियन की सर्कल कार्यकारिणी की बैठक को संबोधित करते हुए किया। उन्होंने कहा कि बिल पास होने के बाद सब्सिडी व क्रास सब्सिडी खत्म हो जाएगी और बिजली गरीब व किसानों की पहुंच से बाहर हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि बिजली वितरण कंपनियों का हाल भी बीएसएनएल की तरह हो जाएगा और बिजली कर्मचारियों व इंजीनियर पर भी छंटनी की तलवार लटक जाएंगी। मीटिंग की अध्यक्षता सर्कल सचिव कृष्ण कुमार ने की। मीटिंग में यूनियन के वरिष्ठ नेता शब्बीर अहमद गनी, मनोज जाखड़, डालचंद, विनोद कुमार, सर्कल सचिव रामचरण पुष्कर, बल्लभगढ़ इकाई के प्रधान रमेश चन्द्र तेवतिया, वरिष्ठ उपाध्यक्ष मदनलाल, ग्रेटर के प्रधान दिनेश शर्मा, सचिव असरफ अयूब, ओल्ड के प्रधान करतार सिंह, सचिव देवेंद्र त्यागी, कोषाध्यक्ष मुकेश लांबा, एनआईटी के प्रधान भूप सिंह व सचिव गिरीश राजपूत उपस्थित थे।
सर्कल सचिव कृष्ण कुमार व रामचरण पुष्कर ने बताया कि मीटिंग में 19 जुलाई को बल्लभगढ़, एनआईटी, ओल्ड व ग्रेटर फरीदाबाद डिवीजनों पर प्रदर्शन करने का फैसला लिया गया। इसके बाद 26 से 29 जुलाई को चारों यूनिटों में कार्यकारिणी की मीटिंग आयोजित की जाएगी। उन्होंने कहा कि इसके बाद बिजली संशोधन बिल के आम उपभोक्ताओं, किसानों व कर्मचारियों पर पड़ने वाले प्रभावों की जानकारी देने और हड़ताल की तैयारियों को लेकर सभी सब डिवीजनों में गेट मीटिंग आयोजित की जाएगी। उन्होंने बिजली क्षेत्र और रोजगार बचाने के लिए बिजली निगमों में कार्यरत कर्मचारियों की सभी यूनियनों से विरोध प्रदर्शनों व हड़ताल में शामिल होने का आग्रह किया।
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