चंडीगढ़ - हाल में उत्तर प्रदेश में पंचायत और ब्लाक प्रमुख चुनाव में भाजपा को बम्पर जीत मिली जिसे देख हरियाणा भाजपा को भी शायद अच्छा टॉनिक मिल गया है या कोई फार्मूला मिल गया है। यही वजह है कि पंचायत चुनावों से पीछे हट रही सरकार अब जल्द पंचायत चुनाव करवाने के मूड में दिख रही है। कल खास दिशा निर्देश जारी किये गए तो आज भाजपा ने पंचायती राज,नगर परिषद/नगर पालिका चुनाव के लिए प्रदेश स्तरीय प्रबंधन समिति का गठन किया। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ओपी धनकड़ ने लिस्ट जारी करने के बाद कहा कि मुझे पूर्ण विश्वास है कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के सहयोग से चुनावों में भाजपा उत्कृष्ट प्रदर्शन करेगी।
राजनीतिक जानकारों की मानें तो पंचायत चुनावों में हरियाणा भाजपा की दाल आसानी से नहीं गलेगी। किसान आंदोलन के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में भाजपा का नुक्सान हो सकता है। कुछ लोगों का कहना है कि उत्तर प्रदेश पंचायत चुनावों में भाजपा की हालत खस्ता थी, भाजपा समर्थित अधिकतर ग्राम उम्मीदवार ग्राम प्रधान का चुनाव हार गए थे और दो मई को आये परिणाम कुछ और थे लेकिन जिला पंचायत और ब्लाक प्रमुख चुनाव में सत्ता का दुरूपयोग किया गया। प्रशासन का फायदा उठाया गया और चीरहरण वगैरा और गोली बम के सहारे चुनाव जीत लिया गया। हरियाणा में ऐसा संभव नहीं है क्यू कि हरियाणा में फ़िलहाल बम, कट्टा वगैरा नहीं बनते ,बदमाश यूपी से ही खरीदकर चोरी छिपे लाते हैं। हरियाणा के भाजपा कार्यकर्ता चीरहरण वगैरा नहीं करते और बम वगैरा भी नहीं चलाते और फिलहाल तो बड़े नेता अपने क्षेत्रों में बिना अतिरिक्त सुरक्षा के कदम ही नहीं रख पा रहे हैं। यहाँ तक की सीएम और डिप्टी सीएम भी हर जिले में नहीं जा पा रहे हैं।
एक और बड़ा कारण ये है कि प्रदेश के तमाम अधिकारी हुड्डा और चौटाला के कार्यकाल के हैं। जितनी बात सरकार की मानेंगे उतना ही ख़याल हुड्डा-चौटाला का भी रखेंगे। जानकारों का कहना है कि हरियाणा भाजपा को पंचायत चुनावों में यूपी जैसे फायदा नहीं मिलेगा। फ़िलहाल लिस्ट देखें
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