फरीदाबाद, 26 जुलाई। उपायुक्त यशपाल ने बताया कि मत्स्य पालन विभाग द्वारा अनुसूचितजाति के व्यक्तियों के कल्याण के लिए अनेक योजनाएं क्रियान्वित की जा रही है। इन योजनाओं के तहत अनुदान प्रदान किया जाता है।
उपायुक्त यशपाल ने बताया कि अनुसूचित जाति के परिवारों के कल्याण के लिए मत्स्य पालन क्षेत्र में वर्ष 2021-22 के अन्तर्गत विभिन्न योजनाओं के तहत अनुदान प्रदान किया जायेगा। उन्होंने बताया कि मस्त्य विभाग के माध्यम से इन परिवारों को दस दिवसीय प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है, जिसके अंतर्गत एक सौ रुपये प्रतिदिन व एक सौ रुपये प्रति व्यक्ति आने-जाने का किराया प्रदान किया जाता है। मछली पालन के लिए पट्टïा राशि पर अनुदान के तहत विभाग द्वारा प्रत्येक लाभार्थी को 50 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर अथवा पट्टïे की वास्तविक राशि का 50 प्रतिशत (जो भी कम हो) अनुदान के रूप में प्रदान किया जायेगा। यह राशि केवल प्रथम वर्ष की पट्टïा राशि पर दी जायेगी तथा अनुदान की अधिकतम सीमा दो लाख रुपये होगी।
उपायुक्त यशपाल ने बताया कि विभाग द्वारा मछली पकडऩे के ठेके पर अनुदान के तहत जिला के अधिसूचित पानी (नदी, नहरें तथा डे्रन) में मछली पकडऩे के अधिकार की नीलामी प्रतिवर्ष की जाती है। अधिसूचित पानी में मछली पकडऩे के अधिकारों की प्राप्ति पर अनुसूचितजाति के व्यक्ति को स्वीकृत बोली का 25 प्रतिशत की दर से वित्तीय सहायता मिलेगी, जिसकी अधिकतम सीमा 4 लाख रुपये है। खाद-खुराक पर अनुदान के तहत मत्स्य पालक को पेलेटेड फीड के उपयोग पर 90 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से अनुदान प्रदान किया जाता है, जिसकी अधिकतम सीमा एक लाख 80 हजार रुपये है।
उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा तालाब सुधार और जाल खरीद पर अनुदान के तहत 30 प्रतिशत अनुसूचितजाति जनसंख्या से संबंधित गांवों की ग्राम पंचायतों को विभाग द्वारा पंचायती भूमि पर तालाब सुधार का कार्य 50 प्रतिशत की दर से करवाया जायेगा। मछली पकडऩे व पालन के लिए जाल खरीद पर 15 हजार रुपये प्रति व्यक्ति जाल खरीद पर 50 प्रतिशत अनुदान की व्यवस्था है। दुकान किराये पर लेने के लिए भी इन परिवारों को अनुदान दिया जाता है। इसके अंतर्गत मछली मंडियों में स्थापित दुकानों पर तथा निजी दुकान किराये पर लेने के लिए 50 प्रतिशत की दर से 5 हजार रुपये प्रतिमाह थोक दुकान पर एवं 3 हजार रुपये प्रतिमाह परचून बिक्री दुकान पर अनुदान प्रदान किया जायेगा।
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