फरीदाबाद- लगभग 5 महीने बाद फरीदाबाद में नगर निगम चुनाव हो सकते हैं जिनकी तैयारियां अब संभावित उम्मीदवारों ने शुरू कर दिया है। जल्द त्योहारों का सीजन शुरू होने वाला है और शहर के तमाम बिजली के खम्भे होर्डिंग पोस्टर से ढंके नजर आएंगे। इस बार नगर निगम में तमाम गांव भी शामिल किये गए हैं जिस कारण वार्डों की संख्या बढ़ेगी। इस बार मेयर के चुनाव डायरेक्ट होंगे और मेयर का कद काफी बढ़ेगा क्यू कि अब पृथला विधानसभा क्षेत्र के कई गांव भी नगर निगम का हिस्सा बनेंगे और कुल जिले की सभी 6 विधानसभा क्षेत्रों की जनता अपना मेयर चुनेगी।
मेयर का कद विधायकों से कई गुणा अधिक ऊंचा होगा। मेयर का रूतबा मिनी सांसद से कम नहीं होगा। वैसे तो मेयर और सांसद दोनों ही पद लाभ की श्रेणी में आते हैं। मेयर को शहर के प्रथम नागरिक के रूप में ऊंचा ओहदा मिलता है लेकिन फरीदाबाद के अधिकाँश मेयर अपने कद के मुताबिक़ काम करते नहीं दिखे। कहा जाता है कि अधिकतर मेयर तो विधायकों के आगे भी सिर झुकाते रहे जिस कारण फरीदाबाद का बेड़ा गर्क होता चला गया और यही कारण हैं कि शहर की 80 फीसदी जनता फरीदाबाद नगर निगम को फरीदाबाद नरक निगम कहती है। इन पांच वर्षों में तो फरीदाबाद का हाल और बेहाल हो गया।
शहर के 90 फीसदी लोगों का कहना है कि शहर स्मार्ट सिटी तो नहीं बन सका। नरक सिटी में जरूर तब्दील हो गया। मेयर कहीं नहीं दिखीं। नगर निगम में 250 करोड़ से अधिक के घोटाले की बात कुछ जन हितैषी पार्षदों ने उठाई। मेयर डिप्टी मेयर, बरिष्ठ उप महापौर और डिप्टी मेयर की चुप्पी पर कुछ पार्षदों ने सवाल उठाया। बिना काम करवाए ये पैसे तमाम भ्रष्ट डकार गए और फरीदाबाद का हाल बेहाल हो गया गया। लोग नाली साफ़ करवाने के लिए सीएम से ट्विटर पर गुहार लगाते हैं। पार्षदों, विधायकों, सांसद एवं मेयर पर उन्हें भरोषा नहीं रहा इसलिए अब सीएम से गुहार लगा रहे हैं।
बात कर रहे हैं नगर निगम चुनाव की तो कल शाम से शहर में एक बात की बड़ी चर्चा है। कई विधानसभा क्षेत्रों में पूर्व केबिनेट मंत्री महेंद्र प्रताप सिंह जो कभी हरियाणा के मिनी सीएम कहे जाते थे उनके पुत्र ने होर्डिंग्स लगवाया है। बकरीद पर लगे इस होर्डिंग्स की चर्चा कई विधानसभा क्षेत्रों में है। कहा जा रहा है कि पूर्व मंत्री परिवार से ही कोई मेयर का चुनाव लड़ेगा। लोगों का कहना है कि सत्तपार्टी के उम्मीदवार को सिर्फ पूर्व केबिनेट मंत्री का परिवार ही टक्कर दे सकता है। लोग कुछ कांग्रेसियों पर भी सवाल उठा रहे हैं। लोगों का कहना है कि शहर के अधिकतर कांग्रेसी अपनी पार्टी के सगे नहीं हैं, मुँह में राम बगल में छूरी वाले हालात हैं। अपनी ही पार्टी के नेताओं को नीचा दिखाने में कोई कमी नहीं छोड़ते। ऐसे में महेंद्र प्रताप के परिवार के अलांवा किसी और को मेयर का उम्मीदवार बनाया गया तो सत्ता पार्टी की एकतरफा जीत होगी।
शहर में राजनीति के एक जानकार ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि महेंद्र प्रताप सिंह इस समय भले ही सत्ता से दूर हों लेकिन उनकी पकड़ कई विधानसभा क्षेत्रों में है और वो राजनेता ही नहीं शहर के नेताओं में सबसे ज्यादा विद्वान नेता हैं। जिस वजह से हर समाज के लोग उनका साथ देते हैं। 2014 में मोदी लहर में बह गए और चुनाव हार गए लेकिन उनका रूतबा कम नहीं हुआ और 2019 में उनके सुपुत्र विजय प्रताप सिंह मामूली मतों से चुनाव हारे।
फरीदाबाद कांग्रेस की आपसी कलह और मुँह में राम बगल में छूरी की बात प्रदेश के एक बड़े कांग्रेसी नेता से करने पर जबाब मिला कि अब ऐसा करने वालों की खैर नहीं। पार्टी ऐसे नेताओं को तुरंत बाहर का रास्ता दिखाएगी। वैसे आज चंडीगढ़ में फरीदाबाद के तमाम कांग्रेसी नेता एक साथ दिखे। वैसे ये सब नेता फरीदाबाद में एक साथ नहीं दिखते। ना जाने किससे डरते हैं।
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