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फरीदाबाद की जनता बेहाल, लुटेरे हो रहे हैं मालामाल, स्मार्ट सिटी बन गई नरक सिटी

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फरीदाबाद - शहर में मानसून की कंजूसी जारी है। आज सुबह दिल्ली और गुरुग्राम के कई क्षेत्रों में तेज बारिश हुई लेकिन फरीदाबाद में कहीं-कहीं हल्की बूंदाबांदी ही हुई। हल्की बारिश से भी कई सड़कों पर पानी भरा दिखा। शहर में दिन भर सूरज का दीदार नहीं  हुआ और लग रहा था कि तेज बारिश होगी लेकिन अब तक नहीं हुई। बारिश न होने से नेता लोग चैन की सांस लिए होंगे क्यू कि फरीदाबाद में अब उतनी ताकत नहीं बची कि यहाँ की सड़कें आधे घंटे की बारिश झेल सकें। एक हफ्ते पहले शहर में तेज बारिश हुई थी जिसका असर ये हुआ कि शहर के नेताओं द्वारा बनवाई गई नई सड़कें कई जगहों पर टूटने लगीं। अगर मानसून की बारिश कई दिनों तक लगातार हुई तो अधिकतर नई सड़कों टूट सकती हैं और नेताओं की पोल खुल सकती है। 

शहर की बहुचर्चित सड़क हार्डवेयर प्याली रोड का हाल फिलहाल बेहाल है क्यू कि सड़क निर्माण का काम रुका हुआ है और एक तरफ की सड़क पर आवागमन जारी है और इस सड़क पर कई दर्जन बड़े गड्ढे लोगों के लिए आफत बने हुए हैं। कल भूस से भरा एक ट्रैक्टर पलटा था तो आज कुछ लोग बाल-बाल बचे। अगर बारिश होगी तो ये गड्ढे नहीं दिखेंगे और बड़ी दुर्घटना संभव है। 

शहर की अन्य कालोनियों की सड़कों का भी बुरा हाल है। नाले नालियों की सफाई न होने से बारिश के बाद गन्दा पानी सड़कों पर भर जाता है। मानसून की कंजूसी से ऐसी जगहों पर रहने वाले फिलहाल राहत की सांस ले रहे हैं। मानसून की कंजूसी से वर्तमान में शहर के लोग भले ही राहत की सांस ले रहे हों लेकिन अगर मानसून ने ऐसी ही कंजूसी जारी रखी तो आने वाले समय में शहर के लोग बूँद-बूँद पानी के लिए तरसेंगे और कई जगहों के लोग तरस भी रहे हैं। कई वर्षों से कम बारिश के कारण फरीदाबाद में जल का स्तर काफी नीचे खिसक गया है। अधिकतर ट्यूबबेल अब बेकार पड़े हैं। शहर के अधिकतर लोग अब रैनीवेल के पानी के सहारे हैं। 

अगर रैनीवेल का पानी कुछ दिन न आये तो शहर में हाहाकार मच जाता है। यमुना से आने वाला ये पानी पीने योग्य नहीं होता इसलिए फरीदाबाद की अधिकतर जनसँख्या खरीदकर पानी पी रही है। समर्थ लोगों ने आरओ सिस्टम लगवा रखा है। गरीब  अब भी मजबूरन ये पानी पीने को मजबूर हैं और बड़ी-बड़ी बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। 

फरीदाबाद का हाल लगभग ढाई दशकों से बेहाल होता जा रहा है जो अब भी जारी है। कई वर्ष पहले शहर को पीएम मोदी ने स्मार्ट सिटी घोषित किया और सैकड़ों करोड़ रूपये आये लेकिन शहर स्मार्ट सिटी सिर्फ कागजों में बना। 90 फीसदी लोग अब फरीदाबाद को नरक सिटी कहते हैं , ये जिला हरियाणा का ये दूसरा कमाऊ पुत्र है।  कभी पहले नंबर पर था लेकिन गुरुग्राम आगे निकल गया। यही नहीं शहर के तमाम उद्योगपति भी अब दुखी हैं। टैक्स भरपूर देने के बाद उन्हें सुविधाएँ नहीं मिल रहीं हैं। तमाम उद्योगपति अब पलायन करने लगे हैं। लगभग ढाई दशकों से यहाँ अगर किसी का विकास होता है तो सत्ताधारियों का, जनता का हाल बेहाल होता जा रहा है। सूत्रों की मानें तो कई सत्ताधारियों ने तो इतना माल कमा लिया कि अब उनकी 10 पीढ़ी आराम से बैठकर खा सकती है। काश उन्होंने जनता के बारे में भी कुछ सोंचा होता। कलयुग है ऐसे नेताओं की सोंच सीमित ही देखी गई। 

फरीदाबाद को सबसे ज्यादा बेहाल नगर निगम ने किया। कर्मचारी कई महीने से वेतन नहीं पा रहे हैं और अधिकारी  खुद के लिए आलीशान महल बनवाते दिख रहे हैं। शहर में अवैध निर्माण यही अधिकारी करवा रहे हैं और सरकार को करोड़ों का चूना लगा रहे हैं। कई अधिकारी खुद अपने लिए अवैध निर्माण करते देखे जा रहे हैं। कुल मिलाकर इस जिले को  दोनों हांथों से कुछ कलयुगी लूट रहे हैं। कुछ समय पहले बल्लबगढ़ के पार्षद दीपक चौधरी ने एक बड़ा खुलासा किया था। कई सौ करोड़  रूपये निगम के कुछ भ्रष्ट खा गए और कागजों पर विकास दिखा दिया। जमीन पर कोई काम हुआ ही नहीं। इस मामले की जांच शुरू हुई तो निगम दफ्तर में आग लग गई और कई पार्षदों ने कहा कि  सैकड़ों करोड़ के घोटाले दबाने के लिए जानबूझकर आग लगवा फाइलें जलवा दी गईं।  कुछ न कुछ गड़बड़ जरूर   तभी फरीदाबाद की जनता बेहाल है लुटेरे मालामाल हो रहे हैं। 

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