फरीदाबाद - सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश से फरीदाबाद में हड़कंप मच गया है। तमाम बड़े नेताओं और अधिकारियों की नींद गायब हो गई है क्यू कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अरावली पर अगर कोई अवैध निर्माण है तो उन पर भी कार्रवाई हो। अरावली पर वर्तमान समय में लगभग 200 फ़ार्म हॉउस बन गए हैं जिनमे कई फ़ार्म हॉउस कई बड़े अधिकारियों और बड़े नेताओं के हैं। कई वर्ष पहले ही लगभग 100 फ़ार्म हाउसों पर गाज गिरने की नौबत आई थी लेकिन बड़े लोग थे और जुआड़ लगा बच गए। इसके बाद तो अरावली लूटने की होड़ मच गई और कई बड़े नेताओं और अधिकारियों ने कई कई एकड़ में फ़ार्म हॉउस बना लिया। बार एसोशिएशन के पूर्व प्रधान एवं न्यायिक सुधार संघर्ष समिति के अध्यक्ष एडवोकेट एलएन पाराशर का कहना है कि हमने लगभग दो साल अरावली का चप्पा-चप्पा छाना और हमें पता चला कि तीन साल के अंदर ही लगभग 100 नए फ़ार्म हाउस बने और वर्तमान में लगभग 250 अवैध फ़ार्म हॉउस हैं।
एडवोकेट पाराशर ने कहा कि फरीदाबाद में लगभग 10 साल से आये कई बड़े पदों के अधिकारियों के अरावली पर अवैध फ़ार्म हाउस हैं और इन सबने मिलकर अरावली का सीना चीरकर रख दिया है और इन्हे सत्ता का संरक्षण मिलता रहा क्यू कि सत्ताधारियों ने भी बड़े- बड़े फ़ार्म हॉउस बनाये और नेता और अधिकारी एक दुसरे को कवर फायर देते रहे। एडवोकेट पाराशर ने कहा कि अरावली का चीरहरण न हुआ होता तो फरीदाबाद में जून में ही मानसून आ गया होता लेकिन प्रकृति के साथ खिलवाड़ की गई और फरीदाबाद में आज 23 जुलाई को भी मानसून पूर्ण रूप से नहीं आया।
आपको बता दें कि खोरी मामले को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई थी और इस दौरान खोरी वन क्षेत्र से कब्जा हटाए जाने को लेकर कुछ संस्थाओं ने भी सुप्रीम कोर्ट में आवेदन किया है। जिसमें उन्होंने कहा है कि खोरी में लाखों लोग रहते हैं इसलिए पहले उन्हें पुनर्वास किया जाए फिर कब्जा हटाया जाए। इसके अलावा अरावली में बड़े बड़े फार्म हाउस बने हुए हैं ये भी अवैध है इसलिए इन्हें भी तोड़ा जाए। इस मामले में 27 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। ये सुनवाई भी अरावली के लिए अहम हो सकती है। आपको मालूम होगा कि एडवोकेट पाराशर ने अरावली मामले पर कई बार सुप्रीम कोर्ट गए थे। याचिका भी दायर की थी। अब उनका कहना है कि अगर खोरी के गरीब के घर टूट रहे हैं तो अरावली लूटने वालों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए।
Post A Comment:
0 comments: