फरीदाबाद खोरी 18 जून। आम आदमी पार्टी के सांसद सुशील गुप्ता का फरीदाबाद नगर निगम द्वारा सूरजकुंड क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले खोरी गांव में तोड़फोड़ की कार्रवाई को लेकर कहना है कोर्ट के आदेश का सम्मान किया जाना चाहिए। मगर साथ ही वहां के लोगों का पुनर्वास भी हरियाणा सरकार को करना चाहिए। सरकार को लोगों को उजाड़ ने से पहले पुनर्वास की व्यवस्था करनी चाहिए। उन्होंने कहा यहां करीब 15 हजार के करीब कच्चे-पक्के मकान ढहाए गए।
-पार्टी के हरियाणा सहप्रभारी डा सुशील गुप्ता ने कहा कि खोरी गांव में 1970 से लोग बसे हुए है। यहां पर सरकार ने बिजली, पानी तथा अन्य सुविधाएं भी मुहैया करवाई हुई है। लेकिन अचानक क्या हो गया कि वह इस गांव मंे बसे 50-60 हजार लोगों को उजाडने में लग गए है।
-24 अक्टूबर 2020 में परिवहन मंत्री मुलचंद शर्मा ने बस्ती ना उजाडे जाने का आश्वासन दिया था।
-उन्होंने बताया कि 24 अक्टूबर 2020 को आम आदमी पार्टी द्वारा किए गए प्रदर्शन के दौरान लोगों से मिलकर हरियाणा के परिवहन मंत्री मुलचंद शर्मा ने आश्वासन दिया था कि वह लोगों को उजडने नहीं देंगें। इसके लिए वह हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खटटर से बात कर समस्या को हल करवायेंगे। लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ, बल्कि निवासियों के सर पर बेघर होने वाली तलवार जरूर लटका दी।
-उन्होंने कहा कि सरकार गरीबों की बस्ती तो तोडने के लिए उतावले हो रहें हैं। दूसरी तरफ हरियाणा प्रदेश में ही सरकारी जमीनों पर अमीरों के फार्म हाउस बनें है। उन्हें तोडने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही।
-हरियाणा सरकार मजदूरों के पुनर्वास हेतु 2003 में लागू की गई रिहैबिलिटेशन पॉलिसी में बदलाव करके 2015 तक बसे लोगों को पुनर्वास प्रदान करने की योजना की बात कही थी।
-डा सुशील गुप्ता ने कहा हरियाणा की भाजपा सरकार कहती है कि वह किसी भी बस्ती को नहीं उजाडेंगे, दूसरी तरफ फरीदाबाद के इस खोरी गांव को उजाडने में अमादा है। यहीं नहीं वह कहते आए है कि किसी को भी उजाडने से पूर्व उनको स्थानीय पुनर्वास मुहैया करवाया जाएगा। लेकिन
यहां उनका यह नियम लागू नहीं होता, ऐसा क्यों! हरियाणा सरकार ने मजदूरों के पुनर्वास हेतु 2003 में लागू की गई रिहैबिलिटेशन पॉलिसी में बदलाव करके 2015 तक बसे लोगों को पुनर्वास प्रदान करने की योजना की बात कही थी।
-प्रशासन ने मकान ही नहीं धार्मिक स्ािल भी तोड डाले।
डा गुप्ता ने कहा कि बिना कोई सूचना के पुलिस और प्रशासन आता है और तोडफोड की कार्यवाही कर चलता बनता है। प्रशासन ने बस्ती मंे बनें मकान ही नहीं, बल्कि एक धार्मिक स्थल को भी तोड डाला। उन्होंने कहा कि सरकार कहती है यह कार्यवाही नगर निगम ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर की है। लेकिन पूर्नवास तो उनके हाथों में है, अगर सरकार चाहें तो गरीबों को बेहतर सुविधाएं दे सकती है।
-निगम आयुक्त ने माना था कि लोगों ने जमीन खरीदकर बनाए हैं।
उन्होंने कहा कि फरीदाबाद नगर निगम के संयुक्त आयुक्त प्रशांत अटकान का बयान मीडिया में आया था कि यहां लोगों ने जमीन खरीदकर मकान बनाए है, यह बात खोरी गांव के निवासियों ने ही उनको बताई थी, कि कई वर्ष पहले आसपास के एक गांव के डीलर से पांच हजार प्रति गज जमीन खरीदी है। सरकार डीलरों पर तो कोई कार्यवाही नहीं कर रही, बल्कि अपना सबकुछ बेचकर आशियाना बनाने वालों को उजाडने में लगी है। यहां बिजली, पानी की आपूर्ति की जाती है।
-एक व्यक्ति गणेंशी मकान टूटने की खबर भर से ही आत्म हत्या कर ली।
-खोरी गांव निवासी पिछले कई सालों से सरकार की इस कार्यवाही का विरोध कर रहें है। इसमें बुढे, पुरूष, महिला और बच्चे भी शामिल है। पिछले दिनों एक व्यक्ति ने तो इसी सदमें से आत्महत्या तक कर ली।
डा गुप्ता ने कहा यह तो सीधे-सीधे मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन है नगर निगम के अधिकारियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए तथा तोडफोड को रोका जाना चाहिए तथा पुर्नवास की व्यवस्था की जानी चाहिए। तथा मृतक के परिवार को उचित मुआवजा तथा सरकारी नौकरी देनी चाहिए।
इस दौरान आम आदमी पार्टी के जिला अध्यक्ष धर्मवीर भडाना, बडखल विधानसभा अध्यक्ष तेजवंत सिंह बिटटू आदि नेता व बस्ती के स्थानीय निवासी भी उपस्थित थे।
Post A Comment:
0 comments: