नई दिल्ली - किसान आंदोलन का सबसे ज्यादा नुकसान पंजाब और हरियाणा भाजपा को हो सकता है। पंजाब में अगले साल विधानसभा चुनाव हैं और जानकारों का कहना है कि भाजपा की टिकट लेने वाले वहां बहुत कम लोग दिखेंगे। हाल के लोकल चुनावों में ऐसा देखा भी गया। हरियाणा में विधानसभा चुनाव 2024 में होंगे और भाजपा को लगता है कि सब कुछ ठीक हो जायेगा। अभी समय है। जानकारों का कहना है कि फिलहाल हरियाणा में विधानसभा चुनाव हों तो भाजपा दहाई का आंकड़ा शायद ही पार कर सके और सहयोगी जजपा का खाता शायद ही खुल सके क्यू कि इन पार्टियों के नेताओं का घर निकलना मुश्किल होता जा रहा है।
हाल में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ओपी धनकड़ सहित कई नेताओं की खास बैठक हुई थी जिसमे गृह मंत्री अनिल विज भी शामिल थे और बैठक में विचार विमर्श किया गया कि किसानों को कैसे समझाया जाए। कैसे अपने क्षेत्रों में जाने की आजादी मिले। बैठक में गृह मंत्री को इसलिए शामिल किया गया ताकि कोई सख्त कदम उठायें और किसान नेताओं का विरोध करने से पहले सौ बार सोंचे। ये बैठक तब हुई जब टोहना के जजपा विधायक देवेंद्र बबली का किसानों ने विरोध किया और विधायक पर गाली देने का आरोप भी लगा। इस मामले में कुछ किसानों की गिरफ्तारी भी हुई जिसे लेकर आज किसान नेता राकेश टिकैत, गुरनाम सिंह चढूनी सहित हजारों किसान गिरफ्तारी देने टोहना पहुंचे।
ताजा जानकारी के मुताबिक विधायक बबली ने किसानों से माफी मांग ली है। शायद उन्हें पता चल चुका है कि उन्होंने गलत पन्गा ले लिया था। क्षेत्र के लोग उनसे नाराज हो गए हैं तभी हजारों लोग टोहना उनके विधानसभा क्षेत्र में देवेंद्र बबली मुर्दाबाद के नारे लगा रहे हैं ऐसे में वो अगला चुनाव कैसे जीतेंगे।
बबली ने कहा क़ि एक तारिख को जिसने मेरे साथ जो किया मैं उन्हें माफ़ करता हूँ और इस दौरान मेरे मुँह से अशोभनीय शब्द निकले उसके लिए मैं खेद प्रकट करता हूँ, अपने शब्द वापस लेता हूँ, देखें ये वीडियो
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