चण्डीगढ़, 7 जून - हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा है कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए अपने-अपने क्षेत्र में सभी पद्तियों का विशेष योगदान है, लेकिन हमें रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आयुर्वेद पद्धति को भी प्राथमिकता के आधार पर अपनाना होगा।
उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए जहां एक ओर सरकार द्वारा जारी निर्देशों की अनुपालना अति आवश्यक है, वहीं दूसरी ओर शारीरिक क्षमता और दक्षता बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक पद्धति भी बहुत फायदेमन्द सिद्ध हो रही है। हमें आयुर्वेदिक चिकित्सकों की सलाह से भी काढ़ा या फिर आयुर्वेद दवाओं का उपयोग करते रहना चाहिए।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि आयुर्वेदिक पद्धति के माध्यम से बीमारियों से बचाव और उन्मूलन में सहायता मिलती हैं। शरीर को मजबूत बनाए रखने में प्राचीन समय से ही आयुर्वेदिक पद्धति बीमारी के लिए कारगर सिद्ध हुई है। आयुष विभाग द्वारा कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के लिए विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से लोगों को जागरूक करने का काम किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, सरकार द्वारा वृहद पैमाने पर सतत प्रयास किए जा रहे हैं, जिनके चलते परिणाम भी आशातीत मिल रहे हैं।
उन्होंने प्रदेशवासियों से अपील करते हुए यह भी कहा कि अब अधिकतर गतिविधियां खुल गई हैं, लोगों की आवाजाही बढ़ी है, इसलिए लोग इस समय और सचेत होकर सावधानी बरतते हुए स्वयं सुरक्षित रहें तथा दूसरों को भी सुरक्षित रखने का काम करें। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि राज्य में कोरोना संक्रमित मरीज अधिकतर संख्या में ठीक होकर अपने घर भी लौट रहे हैं, प्रदेश में मरीजों के ठीक होने का रिकवरी रेट अन्य राज्यों के मुकाबले बेहतर है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के दृष्टिगत सतर्क रहते हुए एवं शत-प्रतिशत हिदायतों की पालना करते हुए इसके संक्रमण से बचा जा सकता है।
उन्होंने राज्यवासियों को मनोबल बढ़ाते हुए कहा कि कोरोना वायरस से घबराने की बजाए उसके प्रति सचेत होकर सावधानी बरतते हुए इसका मुकाबला करना चाहिए और इसे हराने का काम भी हमें करना है। वहीं, प्रदेश सरकार द्वारा सभी चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई हैं।
उल्लेखनीय है कि आयुष विभाग के अधिकारियों के अनुसार अधिकतर चीजें हमारे घर पर ही उपलब्ध होती हैं जिन्हें हम प्रयोग करके अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकते हैं। अम्बाला में तैनात रही और अब जयपुर में स्नातकोत्तर की पढ़ाई कर रही डा0 समिधा ने बताया कि तुलसी, दालचीनी, काली मिर्च, सौंठ, मुनक्का आदि से बना काढ़ा भी उपयोग में लाना चाहिए। प्रतिदिन आयुष डॉक्टरों की सलाह से गिलोए का सेवन करना चाहिए, भोजन में हल्दी, जीरा, धनिया व लहुसन का प्रयोग करें। हल्दी वाले गर्म दूध का सेवन करें, तिल/नारियल का तेल व घी नाक में लगाएं, ऐसा करके हम अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकते हैं।
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