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कोरोना वैक्सीन को लेकर जगदीश चंद्र बोस का दृष्टिकोण अपनाने की जरूरतः प्रो. दिनेश कुमार

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फरीदाबाद, 18 जून - जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद के कम्युनिटी कालेज आफ स्किल डेवलेपमेंट द्वारा नवयोग सूर्योदय सेवा समिति के संयुक्त तत्वावधान में ‘बदलते परिदृश्य में विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के क्षमता निर्माण के लिए योग की भूमिका’ विषय को लेकर आज आज एक आनलाइन सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन में 250 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।

इस सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में हरियाणा राज्य उच्च शिक्षा परिषद् के अध्यक्ष प्रो. बृज किशोर कुठियाला तथा राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के अखिल भारतीय संपर्क प्रमुख श्री रामलाल उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने की। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व योग प्रशिक्षक योगाचार्य सुखदेव तथा कुलसचिव डाॅ. एस.के गर्ग सम्मेलन के विशिष्ट अतिथि रहे। सम्मेलन का समन्वयन कम्युनिटी कालेज आफ स्किल डेवलेपमेंट के प्रिंसिपल डाॅ. संजीव गोयल ने किया।

इस अवसर पर बोलते हुए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के अखिल भारतीय संपर्क प्रमुख श्री रामलाल ने कहा कि कोरोना महामारी ने मानसिक तनाव, श्वसन क्रिया और रोक प्रतिरोधक क्षमता को सबसे ज्यादा प्रभावित किया है और इन सभी समस्याओं से निपटने और कोरोना से बचाव के लिए सभी चिकित्सा पद्वतियों ने योग की आवश्यकता बताई है। उन्होंने विद्यार्थियों के जीवन में योग के महत्व पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को नया सीखने की इच्छा और जिज्ञासा को खत्म नहीं होने देना चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों को सकारात्मक सोच के लिए प्रेरित किया और जीवन में सकारात्मक सोच को बढ़ावा देने के लिए योग को अपनाने पर बल दिया। 

सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रो. बृज किशोर कुठियाला ने कहा कि महामारी ने हमें अपने अस्तित्व, वर्तमान और भविष्य को लेकर सोचने पर विवश किया है। खासतौर पर विद्यार्थियों के लिए यह कठिन समय है। उन्हें भौतिक रूप से कक्षाओं और प्रयोगशालाओं में जाने का अवसर नहीं मिल रहा है। ऐसे स्थिति में विद्यार्थियों को भविष्य के लिए तैयार होने के लिए खुद पर काम करना होगा। उन्होंने खुद की क्षमताओं के निर्माण को लेकर काम करना होगा, जिसमें योग उनके जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। योग से मानसिक एकाग्रता बढ़ती है, जिससे पढ़ाई के विषयों में बेहतर समझ विकसित होती है। योग से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है, जो उसे आगे बढ़ने और नेतृत्व करने की क्षमता प्रदान करता है। इसलिए, विद्यार्थियों को व्यक्तित्व विकास और क्षमता निर्माण के लिए योग को अपना चाहिए। 

सम्मेलन को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने भारतीय प्रसिद्ध वैज्ञानिक जगदीश चंद्र बोस की वैज्ञानिक खोजों का उदाहरण देते हुए कहा कि जगदीश चंद्र बोस ने अपने जीवनकाल में रेडिया वेव से वायरलैस कम्युनिकेशन की खोज की लेकिन मानवता के हित में अपनी वैज्ञानिक खोज को कभी पेटेंट नहीं करवाया। उनकी इसी खोज के आधार पर आज इंटरनेट और दूरसंचार के माध्यम विकसित हुए हैं। लेकिन आज महामारी में भी विकसित देशों में कोरोना वैक्सीन को लेकर मुनाफा कमाने की होड़ लगी है, जोकि सही नहीं है। उन्होंने मानवता को बचाने के लिए वैक्सीन की सार्वभौमिक पहुंच को लेकर चलाये जा रहे अभियान से जुड़ने की भी अपील की।

कार्यक्रम के सूत्रधार अंतरराष्ट्रीय योग गुरू डाॅ नवदीप जोशी ने विद्यार्थियों के क्षमता विकास में नादयोग ध्यान के महत्व पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि नादयोग की कार्यशाला 25 विश्वविद्यालयों में चल रही है। सम्मेलन को नवयोग शोध एवं प्रचार प्रसार संस्थान के अध्यक्ष डाॅ. विक्रम सिंह, योगाचार्य गोपाल मोहन कार्की तथा योगाचार्य मंजरी जोशी ने भी संबोधित किया। सत्र का संचालन संचालन श्रीमती नीवा सिंह ने किया।

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