सरकार ने कहा कि ट्विटर उन नियमों का पालन करने से इनकार कर रहा है, जिनके आधार पर वह भारत में किसी भी आपराधिक जिम्मेदारी को लेने से बचता है। भारत में अभिव्यक्ति की आजादी की गौरवशाली परंपरा है और वह सदियों से इस परंपरा का पालन कर रहा है। भारत में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा करना केवल ट्विटर जैसी निजी, लाभकारी, विदेशी संस्था का विशेषाधिकार नहीं है।
मत्रालय ने अपने बयान में कहा कि कानून बनाना और नीति बनाना संप्रभु देश का एकमात्र विशेषाधिकार है। ट्विटर सिर्फ एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म है और भारत की कानूनी नीति की रूपरेखा क्या होनी चाहिए, यह तय करने में इसका कोई स्थान नहीं है। सरकार ट्विटर के दुर्भाग्यपूर्ण बयान की निंदा करती है। यह पूर्णत: आधारहीन, झूठा व अपनी खामियों को छिपाते हुए भारत को बदनाम करने का प्रयास है।
इस मामले पर कुछ विपक्षी नेता सरकार की खिल्ली कैसे उड़ा रहे हैं देखें
एक सच्ची कथा
— Pappu Yadav (@pappuyadavjapl) May 26, 2021
56 इंच छाती वाला शेर
एक नीली चिड़िया से डर गया!
इंसानों के “पार्थिव” शरीरों के ऊपर से रामनामी उतारी जा रही है, लाशों को “कुत्ते” नोच रहे हैं, और सरकार “ट्वीटर” से लड़ रही है.
— Acharya Pramod (@AcharyaPramodk) May 25, 2021
बेशक वो ट्वीटर बंद करे या फेसबुक इंसटाग्राम, जो तुफान जनता के मन में उठ चुका है उसे कोई नहीं रोक पायेगा। यह तुफान तानाशाह सरकार को जड़ से उखाड़ फेंकेगा। #IStandWithTwitterIndia
— DR.AVTAR SINGH (@DrAVTARSINGH8) May 25, 2021
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