थाना प्रभारी के सामने गैस सिलेन्डर की दुकान खुलवाई गई और इसमें 50 आक्सीजन गैस भरे सिलेन्डर पाए गये। इस दौरान सम्बिन्धित क्षेत्र के सहायक पुलिस आयुक्त श्रीमौजी राम भी वहां पहुंच गये थे। विधायक के अनुसार बिना किसी बोर्ड आदि लगी इस दुकान की सारी चीजें थाना प्रभारी के सुपुर्द कर वे वापस लौट आए। इसके बाद 5.32बजे थाना प्रभारी का फिर मोबाइल नंबर 9582200122 से फोन आया और उन्होंने सोनू नामक लड़के की तरफ से थाने में शिकायत भिजवाने का आग्रह किया जबकि विधायक ने थाना प्रभारी को खुद ही मामले का संज्ञान लेने को कहा।
इसके बाद अगले दिन 4 मई को 2.24 बजे जब विधायक नीरज शर्मा ने फोन पर थाना प्रभारी से पूछा कि क्या कार्यवाही की गई तो थाना प्रभारी ने बताया कि ड्रग इंस्पेक्टर पुलिस को यह लिखकर देकर गया है कि यहां सिलेन्डर रखे जा सकते हैं और ये सिलेन्डर 3 मई को ही 2.56 मिनट पर इस दुकान में रखे गए थे।
विधायक के अनुसार पुलिस ने 3 मई की रात 11.30 बजे पुलिस ने सेक्टर-31 थाने में एसआई कीमत लाल की शिकायत पर एफआईआर दर्ज कराई। इसमें सभी तथ्य झूठे हैं क्योंकि मौके की लाइव रिपोर्टिंग फेसबुक पर हो रही थी।
विधायक नीरज शर्मा के सवाल हैं कि :-
-3 मई को दोपहर 2.56 बजे से तब तक जब तक ड्रग इन्स्पेक्टर मौके पर नहीं पहुंचे, 50 आक्सीजन गैस सिलेन्डर क्यों एक गुप्त स्थान पर रखे गए? क्योंकि पूरे शहर में आक्सीजन गैस के लिए त्राहि-त्राहि मची हुई थी।
-क्या ड्रग इन्सपेक्टर ने पुलिस को यह भी पत्र दिया है कि इन 50 आक्सीजन गैस सिलेन्डर भरने वालों के लिए सम्बन्धित गैस प्लांट पर ड्यूटी मजिस्ट्रेट ने कोई पास जारी किया था। क्या ड्यूटी मजिस्ट्रेट ने इस अापदा के समय में इस तरह भंडारण के लिए कोई पास जारी किया था।
-जब विधायक स्वयं मौके पर मौजूद हों तो पुलिस ने अज्ञात लोगों के नाम से क्यों एफआईआर दर्ज की? यदि पुलिस को आक्सीजन गैस की कालाबाजारी का यह स्टिंग आपरेशन झूठा लगा था।
-पुलिस की तरफ से एफआईआर में लिखवाया गया समय और हालात एकदम तथ्यों से परे हैं क्योंकि इस पूरे मामले का लाइव टेलीकास्ट वॉयस ऑफ फरीदाबाद व अन्य पोर्टल पर हो रहा था।
यह एक झूठा मामला है, इस तथ्य को अलग रखते हुए मैं सिर्फ इतना चाहता हूं कि इस पूरे मामले की सीबीआई जांच हो क्योंकि इसमें पुलिस की मिलीभगत से गैस कालाबाजारी करने वालों ने कितने उन निर्दोषों की जान ली होगी, जो गैस के अभाव में दम तोड़ चुके हैं। पुलिस ने यह अन्य के नाम से जो एफआईआर दर्ज की है, यह गलत है, पूरे समय मैं स्वयं मौके पर मौजूद था, पुलिस ने मेरा नाम छोड़कर अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज करके अपना मकसद बता दिया है कि इसमें पुलिस निर्दोषों को फंसाएगी। यदि आक्सीजन गैस की कालाबाजारी करने वालों को पकड़वाने के स्टिंग में कुछ गलत कार्य हुआ तो मैं इस मामले में पुलिस जांच में हिस्सा लेने और गिरफ्तार होने को हर समय तैयार हूं।
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