चंडीगढ़ - 6 महीने से ज्यादा समय से आंदोलन कर रहे किसानों ने हाल में हिसार लाठीचार्ज और उसके बाद दर्ज मामलों को लेकर हिसार के कमिश्नर आफिस का घेराव किया था। उस समय बात बन गई थी लेकिन अब फिर बिगड़ सकती है क्यू कि अब किसानो पर आरोप लग रहा है कि उस दिन प्रशासन और किसानों के बीच जो समझौता हुआ था किसान उसका उल्लंघन कर रहे हैं।
- हिसार मंडलायुक्त चंद्रशेखर ने किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे नेताओं से कहा है कि 24 मई, 2021 को हिसार में हुए विरोध प्रदर्शन के बाद हुई वार्ता में किसान आंदोलन के प्रमुख नेताओं ने यह भरोसा दिलाया था कि भविष्य में वे शांतिपूर्वक आंदोलन करेंगे और आंदोलन के दौरान कोई हिंसा नहीं होगी।
उन्होंने कहा कि लेकिन इसके बावजूद भी वार्ता में हुए समझौते के 2 दिन के भीतर ही 26 मई, 2021 को भूमणशाह चौक पर बैरिकेडिंग को हटाकर उप मुख्यमंत्री आवास के 200 मीटर दूरी पर पुतला फूंक कर प्रदर्शन किया गया। हालांकि इस दौरान पुलिस व प्रशासन द्वारा सूझबूझ से काम लिया गया, जिससे स्थिति नियंत्रण में रही।
उन्होंने वार्ता में शामिल सभी किसान नेताओं से यह आग्रह किया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि भविष्य में इस प्रकार का काम दोबारा से न हो।
उस दिन कोई लिखित समझौता नहीं हुआ था और सभी बातें दोनों तरफ से मुजबानी हुई थीं। अब अगर किसान कहीं प्रदर्शन करते हैं या किसी सत्ताधारी नेता का विरोध करते हैं तो दर्ज मुक़दमे शायद ही वापस लिए जाएँ और फिर बात बिगड़ सकती है। जल्द कमिश्नर के इस बयान पर किसानों का कोई जबाब आ सकता है।
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