मूलचंद शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने फरीदाबाद की इन खानों के आरक्षित मूल्य को अपनी स्वीकृति दे दी है। साथ ही, मुख्यमंत्री ने हरियाणा खान, खनिज रियायत, खनिज भंडारण, परिवहन और अवैध खनन रोकथाम नियम, 2012 की समीक्षा के लिए खान एवं भू-विज्ञान विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी के गठन को भी मंजूरी दी है। वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव तथा उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के प्रधान सचिव इस कमेटी के सदस्य जबकि खान एवं भू-विज्ञान विभाग के महानिदेशक इसके सदस्य-सचिव होंगे।
मंत्री मूलचंद शर्मा ने बताया कि इन खनन इकाइयों का आरक्षित मूल्य 18 लाख रुपये प्रति हैक्टेयर की दर से निर्धारित किया गया है। रिजर्व प्राइस केवल खनन हेतु उपयोग किए जाने वाले क्षेत्र के आधार पर ही निर्धारित किया गया है और इसमें सहायक गतिविधियों के लिए तय क्षेत्र को शामिल नहीं किया गया है।
उन्होंने बताया कि यूनिट संख्या-1 ददासिया-किरनवाली के 84.15 हैक्टेयर क्षेत्र के लिए आरक्षित मूल्य 12.87 करोड़ रुपये निर्धारित किया गया है। यूनिट संख्या-2 महावतपुर-बसकोला के 52.9 हैक्टेयर क्षेत्र के लिए आरक्षित मूल्य 7.58 करोड़ रुपये निर्धारित किया गया है। इसी तरह, यूनिट संख्या-3 अमीपुर के 91.43 हैक्टेयर क्षेत्र के लिए रिजर्व प्राइस 11.92 करोड़ रुपये और यूनिट संख्या-4 माखनपुर के 66.15 हैक्टेयर क्षेत्र के लिए आरक्षित मूल्य 10.08 करोड़ रुपये निर्धारित किया गया है।
खान एवं भू-विज्ञान मंत्री ने कहा कि इन खनन इकाइयों की नीलामी होने से रेत की चोरी पर लगाम लगेगी और लोगों को निर्माण कार्यों के लिए सस्ता रेत उपलब्ध होगा। साथ ही, इससे आसपास के क्षेत्र में हजारों लोगों को रोजगार भी मिलेगा।
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