नई दिल्ली- रांची - देश में अभी तक ऐसा देखा जाता था कि अपने बच्चे को बचाने के लिए कोई माँ मगरमच्छ से लड़ गई, कोई पिता अपने बच्चे को बचाने के लिए शेर से लड़ गया। अपनी जान की परवाह नहीं की। एक दो नहीं हजारों ऐसी सत्य खबरें हैं जिनमे माँ-बाप ने अपने बच्चे के लिए अपना सब कुछ त्याग दिया। अगर बच्चे छोटे होते हैं तो माता-पिता उन्हें बहुत प्यार दुलार करते हैं लेकिन कोरोना ने रिश्तों को तहस-नहस करके रख दिया है। अब बच्चे अपने पिता का शव लेने से इंकार कर रहे हैं। अस्पतालों में शव छोड़ भाग जा रहे हैं। सड़कों पर अपनों को फेंक दे रहे हैं। एक दर्दनाक खबर झारखण्ड से आ रही है जो मानवता को झकझोरकर रख दे रही है,जहां माँ-बाप अपने दो साल के मासूम बच्चे को छोड़कर भाग गए, बच्चे का कोरोना से निधन हो गया और वार्ड ब्वाय ने बच्चे का अंतिम संस्कार किया।
जानकारी के मुताबिक़ दो साल के मासूम बिट्टू को उसके माता-पिता ने बुखार आने के बाद रिम्स में भर्ती कराया। वह पॉजिटिव पाया गया और डॉक्टरों के प्रयास के बावजूद जिंदगी की जंग हार गया। लेकिन, इससे भी बड़े अफसोस की बात यह है कि मौत से पहले वह रिश्तों की जंग हार चुका था। पत्थर दिल मां-बाप इस अभागे बेटे को रिम्स में डॉक्टरों के जिम्मे छोड़कर ऐसे भागे कि फिर लौट के नहीं आए।
बिट्टू की अंतिम विदाई अनाथ की तरह नहीं हुई। उसके अंतिम संस्कार का सारा फर्ज रिम्स के वार्ड बॉय रोहित बेदिया ने निभाया। अबोध बच्चे को जरा भी आभास नहीं रहा होगा कि उसे जन्म देने वाले माता-पिता ही उसे विपरीत परिस्थितियों में छोड़ जाएंगे। अंतिम संस्कार ऐसा व्यक्ति करेगा जिसे उसने जीते जी देखा ही नहीं।
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