चण्डीगढ़, 23 मई- कोविड-19 महामारी में हर व्यक्ति के लिए इलाज सुनिश्चित करने का मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के संकल्प का असर दिखाई देने लगा है। गत अप्रैल मास से लेकर इस मास के मध्य तक कोरोना ने जो खौफ पैदा किया था वह अब निरंतर कम होता दिखाई दे रहा है। गरीब परिवारों के लिए तो यह खौफ दोहरी मार कर देने वाला था, क्योंकि एक तरफ उनकी आय सीमित अथवा बंद ही हो गई और दूसरी तरफ बीमारी की हालत में वे इलाज का खर्च भी नहीं उठा सकते थे।
संकट की इस घड़ी में गरीबों की इस पीड़ा को मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के संवेनशील मन ने उस समय भलीभांति समझ लिया जब पिछले दिनों उन्होंने स्वयं 17 जिलों का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया। तभी उन्होंने ऐसी व्यवस्था करने का बीड़ा उठाया जिसमें किसी भी हालत में कोई इलाज से वंचित न रहे। उन्होंने सरकारी अस्पतालों में कोविड-19 के मरीजों का इलाज तो मुफ्त किया ही, प्राइवेट अस्पतालों में भी उनके इलाज का खर्च सरकार द्वारा वहन करने की व्यवस्था बना दी। इससे उन लाखों परिवारों को कोरोना के अंधकार में उम्मीद की किरण दिखाई दे रही है जिनके पास इलाज के लिए कोई पैसा नहीं है।
मुख्यमंत्री के कुशल नेतृत्व में सरकार ने गरीबों की जिंदगी बचाने के लिए न केवल कोविड-19 के इलाज को आयुष्मान भारत योजना से जोड़ा, बल्कि उन बी.पी.एल परिवारों के मरीजों के प्राईवेट अस्पतालों में ईलाज का पूरा खर्च भी देने का निर्णय किया, जो किसी कारण आयुष्मान भारत योजना में पंजीकृत न हो सके।
यही नहीं सरकार ने घर पर ही आइसोलेशन में भी उपचाराधीन बी.पी.एल. परिवारों के कोरोना मरीजों के लिए भी प्रति मरीज 5,000 रुपये देने का निर्णय किया है।
प्रदेश के गरीब परिवारों को परिवार पहचान पत्र पोर्टल से जोड़ा गया है और उन्हें मिलने वाली सब प्रकार की आर्थिक सहायता उनके बैंक खातों में दी जा रही है। जिन परिवारों के बैंक खाते किसी कारण से परिवार पहचान पत्र पोर्टल पर सत्यापित नहीं हो पाए हैं, उन्हें उनके मोबाइल नम्बर पर आर्थिक सहायता प्राप्त करने के लिए एस.एम.एस. संदेश भेजे जा रहे हैं।
हम जानते हैं कि केवल सरकारी अस्पतालों से महामारी का सामना नहीं हो सकता। इसलिए हमने प्राइवेट अस्पतालों को भी इलाज में शामिल किया। हम यह भी जानते हैं कि गरीब आदमी प्राइवेट अस्पताल का खर्च नहीं उठा सकता। इसलिए हमने उस खर्च को भी वहन करने का निर्णय लिया। हमारा उद्देश्य हर हालत में हर मरीज की जिंदगी बचाना है, क्योंकि हर जिंदगी अनमोल है।
-मुख्यमंत्री, श्री मनोहर लाल
गरीब परिवार में यदि कमाने वाले की मृत्यु हो जाती है तो उस परिवार को भूखों मरने की नौबत आ जाती है। मुख्यमंत्री ने इस त्रासदी को भी समझा और ऐसे परिवारों को सहारा देने के लिए निर्णय किया कि 1 मार्च, 2021 से 31 मई तक 18 से 50 वर्ष की आयु के व्यक्ति की कोविड से मृत्यु होने पर बी.पी.एल. परिवार को 2 लाख रुपये की राशि का एक्सग्रेशिया अनुदान दिया जाएगा।
सरकार ने अब तक 2593 ऐसे बी०पी०एल० मरीजों की पहचान की है जो इस समय अवधि में उपचाराधीन थे। उनमें से 24 व्यक्तियों की मृत्यु हो गई। इनका सत्यापन स्वास्थ्य विभाग कर रहा है। अब तक 2 मृतकों के परिवारों को 2-2 लाख रुपये की राशि का एक्सग्रेशिया अनुदान दिया जा चुका है और अन्य को जल्द ही यह राशि मिल जाएगी।
यही नहीं मुख्यमंत्री जी ने 31 मई के बाद तो कोविड सहित किसी भी कारण से मृत्यु के मामले में 2 लाख रुपये का बीमा करवाने की योजना शुरू कर दी। इस योजना में बी.पी.एल. अथवा 1.80 लाख रुपये से कम वार्षिक आय वाले परिवार के 18 से 50 वर्ष की आयु के व्यक्तियों के पंजीकरण के लिए मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना का पोर्टल https://cm-psy.haryana.gov.in 15 मई से पुन: खोल दिया गया। पंजीकरण सीधे लाभार्थी द्वारा या सी.एस.सी./स्थानीय ऑपरेटर के माध्यम से ऑनलाइन किया जा सकता है। अब तक इस पोर्टल पर 2.38 लाख से अधिक परिवारों का पंजीकरण हो चुका है। इस योजना में गरीब परिवार को कोई बीमा प्रीमियम भी नहीं देना है, क्योंकि प्रति व्यक्ति 330 रुपये के बीमा प्रीमियम का भुगतान अथवा उसकी प्रतिपूर्ति सरकार द्वारा की जाएगी।
मृत्यु होने पर मदद देने से पहले सरकार का लक्ष्य उत्तम उपचार द्वारा व्यक्ति का जीवन बचाना है। इसके लिए सरकारी अस्पतालों में व्यापक प्रबंध करने के साथ-साथ प्राइवेट अस्पतालों को भी दवाओं, आक्सीजन आपूर्ति आदि में मदद दी गई। कोविड-19 के उपचार के लिए अस्पताओं को अतिरिक्त संसाधनों पर खर्च करना पड़ता है जिससे इलाज पर खर्च भी बढ जाता है। इसे देखते हुए ‘आयुष्मान भारत योजना’ में सूचीबद्ध कोविड के इलाज के लिए अधिकृत अस्पतालों को 20 प्रतिशत अतिरिक्त धनराशि भी प्रदान कर रही है ताकि गरीब के इलाज में पैसे की तंगी के कारण कोई कमी न रह जाए।
उल्लेखनीय है कि हरियाणा प्रदेश में आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थियों के कोविड-19 के उपचार के लिए 261 सूचीबद्ध अस्पताल हैं जिनमें 68 सरकारी तथा 193 प्राइवेट अस्पताल शामिल हैं। प्रदेश में 11,374 व्यक्तियों की कोविड-19 की जांच व उपचार पर लगभग 5 करोड़ रुपये की राशि खर्च की गई है।
सरकार ने यह भी निर्णय किया कि प्रदेश के किसी भी प्राइवेट अस्पताल में ऑक्सीजन या आई.सी.यू. बेड पर उपचाराधीन किसी भी हरियाणा निवासी कोरोना मरीज के इलाज के लिए प्रतिदिन प्रति मरीज 1,000 रुपये या अधिकतम 7,000 रुपये तक की राशि प्राइवेट अस्पताल को दी जाएगी।
गरीब परिवार को महामारी के दौर में भारी अर्थिक संकट का माना करना पड़ रहा है। इसलिए सरकार ने ए.ए.वाई., बी.पी.एल. और ओ.पी.एच. राशन कार्ड धारकों को वितरित की जा रही आवश्यक खाद्य वस्तुओं के अतिरिक्त मई व जून महीने में 5 किलोग्राम गेहूं प्रति सदस्य नि:शुल्क उपलब्ध करवाने का निर्णय लिया है। इससे प्रदेश के लगभग 1 करोड़ 13 लाख लोगों को फायदा होगा। अब तक मई मास का राशन 96 प्रतिशत पात्र परिवारों को दिया जा चुका है और शेष को 25 मई तक प्रदान कर दिया जाएगा।
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