फरीदाबाद - महामारी के दौरान कुछ लोग तिजोरी भरने में जुटे हैं और ऐसे लोग मानवता के दुश्मन हैं। ये कहना है बार एसोशिएशन के पूर्व अध्यक्ष एवं न्यायिक सुधार संघर्ष समिति के प्रधान एडवोकेट एलएन पाराशर का जिन्होंने सरकार से मांग की है कि कोरोना के इलाज में प्रयोग किये जाने वाले इंजेक्शन और आक्सीजन की कालाबाजारी करने वालों पर ह्त्या का मामला दर्ज किया जाना चाहिए। एडवोकेट पाराशर ने सीएम मनोहर लाल और गृह मंत्री अनिल विज को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि इस महामारी के दौरान फरीदाबाद के हजारों लोग बहुत परेशान हैं और सरकार फरीदाबाद की जनता का ध्यान ने और अस्पतालों में आक्सीजन उपलब्ध करवाए।
एडवोकेट पाराशर ने कहा कि उन्हें जानकारी मिली है कि शहर में आक्सीजन की कालाबाजारी रही है। अस्पताल दोगुने-तिगुने दाम पर आक्सीजन खरीदने पर मजबूर हैं जिसका बोझ मरीजों पर पड़ रहा है। उन्होंने कहा रेमडेसिविर इंजेक्शनों की भी शहर कालाबाजारी हो रही है। 25 से 40 हजार रूपये तक का एक इंजेक्शन बिक रहा है और जिनके पास पैसा नहीं है वो इतने मंहगे इंजेक्शन नहीं खरीद पा रहे हैं और असमय दम तोड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन कालाबाजारियों के कारण ही शहर में मौतों का आंकड़ा बढ़ा है इसलिए इन पर हत्या का मामला दर्ज होना चाहिए। उन्होंने कहा कि गत वर्ष कॉरोनकाल में शराब का अवैध कारोबार करने वालों पर हत्या के प्रयास का मामला दर्ज होना शुरू हुआ और कई पर दर्ज भी हुआ तो इन कालाबाजारियों पर हत्या का केस उसी तरह दर्ज होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि फरीदाबाद प्रशासन कई अस्पतालों में बेड खाली होने की बात कर रहा है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और है। लोग बेड के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं। उन्होंने कहा कि फरीदाबाद दिल्ली से सटा हुआ है और दिल्ली की अस्पतालों में आक्सीजन की किल्लत है इसलिए दिल्ली के मरीज भी फरीदाबाद आ रहे हैं इसलिए यहाँ मामले और बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा प्रशासन को युद्ध स्तर पर काम करना चाहिए ताकि अधिक से अधिक लोगों का जीवन बचाया जाए। उन्होंने कहा कि लोग डाक्टर को भगवान् का दूसरा रूप मानते हैं और शहर के डाक्टर रात दिन काम कर लोगों की जान भी बचा रहे हैं लेकिन कुछ कालाबाजारी करने वाले लोग उन्हें बदनाम करवा रहे हैं।
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