चंडीगढ़, 25 अप्रैल - हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यन्त चौटाला ने आवश्यक वस्तुओं की जमाखोरी करने और निर्धारित मूल्य से अधिक कीमत पर बेचने वालों को चेतावनी देते हुए कहा है कि नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने इस संबंध में खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अधिकारियों को नियमित चैकिंग करने के निर्देश दिए हैं।
डिप्टी सीएम, जिनके पास खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग का प्रभार भी है, ने आज विभागीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
दुष्यन्त चौटाला द्वारा आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता, पूर्ति एवं कीमतों तथा ऑक्सीजन, ऑक्सीजन-सिलेंडर, रेमडिसीविर, टॉइलीजुमब, इंजेक्टेबल अन्तिकागुलान्ट्स जैसे कि एनॉक्सआपरइन इत्यादि की जमाखोरी रोकने व निर्धारित मूल्य पर बिक्री सुनिश्चित करने बारे समीक्षा की गई। समीक्षा बैठक के बाद उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी के इस दूसरे दौर में राज्य सरकार द्वारा आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता एवं पूर्ति सुनिश्चित करने के लिये कड़ी नजर रखी जा रही है। उन्होंने बताया कि 22 आवश्यक वस्तुओं का अवलोकन करने उपरांत पाया गया कि पिछले दिनों में दालों की कीमतों में लगभग 3 प्रतिशत तथा तेल में लगभग 4 से 4.5 प्रतिशत की बढौतरी हुई है। कुछ जिलों में अन्य वस्तुओं के दामों में भी बढौतरी हुई है।
उपमुख्यमंत्री ने इस सम्बन्ध में सभी जिला खाद्य एवं पूर्ति नियंत्रकों को निर्देश जारी किये हैं कि वे अपने-अपने जिलों के थोक विक्रेताओं से सम्पर्क स्थापित करते हुये सभी 22 आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता एवं पूर्ति को प्रतिदिन सुनिश्चित करें । थोक विक्रेताओं के आवश्यक वस्तुओं से भरे हुये ट्रक यदि पड़ोस के राज्यों में रूके हुये हैं तो संबधित जिला प्रशासन से तालमेल उपरांत उन ट्रकों के मूवमेन्ट-पास जारी करवाए जाएं ताकि आवश्यक वस्तुओं की आवाजाही बाधित न हो। अपने जिले के थोक विक्रेताओं को प्रेरित करते हुये पड़ोसी राज्यों दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश व पंजाब इत्यादि से किरयाना की सभी आवश्यक वस्तुओं की पूर्ति सुनिश्चित करवायें तथा आवश्यक वस्तुओं के मूल्यों तथा इनकी उपलब्धता पर कड़ी नजर रखी जाए और इन्हें प्रतिदिन मानिटर किया जाए।
उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त सभी जिला खाद्य एवं पूर्ति नियंत्रकों को यह भी निर्देश दिये गये हैं कि सभी जिला नियंत्रक अपने-अपने जिले में विभिन्न चैकिगं टीमों का गठन करेंगे जिसमें जिला प्रशासन का प्रतिनिधि, मापतोल विभाग का निरीक्षक शामिल होंगे जो कि पूरे जिले में व्यापक चैकिगं अभियान चलाकर यह सुनिश्चित करेंगे कि ऑक्सीजन, ऑक्सीजन-सिलेंडर, रेमडिसीविर, टॉइलीजुमब, इंजेक्टेबल अन्तिकागुलान्ट्स जैसे कि एनॉक्सआपरइन इत्यादि की कोई भी दुकानदार जमाखोरी न करे और न ही निर्धारित मूल्य से अधिक पर इनकी बिक्री कर सके। इस सम्बन्ध में उल्लंघना पाये जाने पर संबधित के विरूद्ध लीगल मैट्रोलोजी एक्ट/इंडियन पैनल कोड/ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक एक्ट के तहत कार्रवाई की जाए। आवश्यकता पडऩे पर पुलिस की सहायता भी ली जाये। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि जिले में विभिन्न आवश्यक वस्तुओं की जमाखोरी एवं कालाबाजारी न हो और इस पर कड़ी नजर रखी जाये।
श्री दुष्यन्त चौटाला ने यह भी बताया कि उन्होंने सार्वजनिक वितरण व खाद्य विभाग के केंद्रीय मंत्री श्री पीयुष गोयल को भी एक अर्धसरकारी पत्र लिखा है जिसमे उन्होंने केंद्र से अनुरोध किया है कि ऑक्सीजन, ऑक्सीजन-सिलेंडर, रेमडिसीविर, टॉइलीजुमब, इंजेक्टेबल अन्तिकागुलान्ट्स जैसे कि एनॉक्सआपरइन इत्यादि को कम से कम 6 महीने तक आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत आवश्यक वस्तुओं की सूचि में शामिल किया जाये ताकि उचित मूल्य पर इन उपर्युक्त जीवन रक्षक वस्तुओं के उत्पादन, उपलब्धता और वितरण की निगरानी सार्वजनिक रूप से सुनिश्चित की जा सके।
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